IL&FS को सब्सिडियरी कंपनी सफल बोलीदाता को बेचने के लिए NCLAT की मिली अनुमति, कर्ज चुकाने में मिलेगी मदद

IL&FS एसेट बेचकर अपने कर्ज को कम कर रही है, और उसे IPRWL में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए IOC से सहमति नहीं मिली थी। ऐसे में IL&FS ने प्रक्रिया की निगरानी कर रहे NCLAT से संपर्क किया था, ताकि IOCL को निर्देश दिया जा सके कि वह फेयर वैल्यूएशन पर IPRWL में 100 फीसदी शेयरहोल्डिंग हासिल करे या फिर इसे बेचने की अनुमति दे

अपडेटेड Nov 30, 2024 पर 6:35 PM
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IL&FS को सब्सिडियरी कंपनी सफल बोलीदाता को बेचने के लिए NCLAT की अनुमति मिल गई है।

कर्ज में डूबे IL&FS ग्रुप को अपनी सब्सिडियरी कंपनी IL&FS पारादीप रिफाइनरी वाटर लिमिटेड (IPRWL) को सफल बोलीदाता को बेचने की अनुमति मिल गई है। खबरों के मुताबिक इससे IL&FS को करीब 1000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने में मदद मिल सकती है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने आज 30 नवंबर IL&FS को यह अनुमति दी। IPRWL की स्थापना ओडिशा में IOC द्वारा विकसित 1.5 करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता वाली पारादीप रिफाइनरी प्रोजेक्ट की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए की गई थी।

IL&FS एसेट बेचकर अपने कर्ज को कम कर रही है, और उसे IPRWL में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए IOC से सहमति नहीं मिली थी। ऐसे में IL&FS ने प्रक्रिया की निगरानी कर रहे NCLAT से संपर्क किया था, ताकि IOCL को निर्देश दिया जा सके कि वह फेयर वैल्यूएशन पर IPRWL में 100 फीसदी शेयरहोल्डिंग हासिल करे या फिर इसे बेचने की अनुमति दे।

NCLAT ने क्या कहा?


दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद NCLAT ने कहा, "IOC ने शेयरधारिता के 100 फीसदी अधिग्रहण के लिए सहमति नहीं दी है, ऐसे में हमारा विचार है कि IL&FS को रिज़ॉल्यूशन फ्रेमवर्क के तहत तय प्रक्रिया के अनुसार इसे सफल बोलीदाता को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए।” एनसीएलएटी ने हालांकि अपने आदेश में साफ किया कि सफल एंटिटी के पास परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी तकनीकी जानकारी होनी चाहिए।

NCLAT ने 22 नवंबर के अपने आदेश में कहा, "हम अपीलकर्ता की इस प्रार्थना को स्वीकार करते हैं कि BOOT समझौते की शर्तों के अनुसार इसे सफल बोलीदाता को दिया जाए और रिज़ॉल्यूशन फ्रेमवर्क के तहत तय प्रक्रिया के अनुसार RFP को उसकी पात्र एंटिटी को दिया जाए।"

NCLAT के समक्ष कर्ज में डूबी कंपनी द्वारा दायर लेटेस्ट स्टेटस रिपोर्ट एफिडेविट के अनुसार, IL&FS ग्रुप ने 30 सितंबर 2024 तक अपने क्रेडिटर्स को 38,082 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। अक्टूबर 2018 तक IL&FS ग्रुप ने 99,355 करोड़ रुपये के कुल बाहरी कर्ज में से 94,215 करोड़ रुपये का फंड-बेस्ड कर्ज लिया था। इस महीने की शुरुआत में NCLAT ने IL&FS ग्रुप को 31 मार्च 2025 तक शेष 58 फर्मों का रिज़ॉल्यूशन पूरा करने का निर्देश दिया था और तब तक स्थगन बढ़ा दिया था। क्राइसिस के समय IL&FS के पास कुल 302 एंटिटी थीं, जिनमें से 169 घरेलू और बाकी 133 ऑफशोर थीं।

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First Published: Nov 30, 2024 6:35 PM

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