रुपे-आधारित क्रेडिट कार्ड (RuPay card) और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को विदेशों में मंजूरी दिलाने के लिए एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) फिलहाल करीब 30 देशों के साथ संपर्क में है। विदेश राज्य मंत्री राजकुमार सिंह शुक्रवार 29 जुलाई को संसद में यह जानकारी दी। NIPL, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की इंटरनेशनल इकाई है। बता दें कि NPCI ने ही साल 2016 में भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सिस्टम को विकसित किया था।
मंत्री ने बताया, "NIPL ने विदेशी सरकारों को UPI जैसा पेमेंट सॉल्यूंश बनाने में सहायता करने और एक इंटरोपेरेबल पेमेंट सिस्टम के जरिए उनके डिजिटल पेमेंट के परिृदृश्य को बदलने में मदद देने के इरादे से संपर्क किया है।"
उन्होंने बताया यूपीआई ऐप भारतीय यात्रियों को विदेशों में रूपे कार्ड के जरिए शॉपिंग या खरीदारी करने और तेज व कुशल तरीके से विदेशों से भारत पैसे भेजने या यहां से विदेशों में पैसे भेजने में मदद करेगा।
उन्होंने बताया कि फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात (UAE), भूटान और सिंगापुर ने अपने देशों में रुपे-आधारित कार्ड और UPI आधारित पेमेंट्स सिस्टम को अपनाया है। वहीं नेपाल ने केवल रुपे कार्ड के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या ग्लोबल स्तर पर रुपे कार्ड और UPI की पहुंच बढ़ाने का कोई प्रस्ताव है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 जून को घोषणा किया था कि अह क्रेडिट कार्ड को भी सीधे UPI से जोड़ने की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में UPI प्लेटफॉर्म पर केवल रुपे आधारित कार्ड की अनुमति होगी।
इस महीने की शुरुआत में इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में NPCI के चीफ दिलीप अस्बे ने संवाददाताओं से कहा था कि रुपे-आधारित क्रेडिट कार्ड को UPI प्लेटफॉर्म से जोड़ने में लगभग एक महीने का समय लगना चाहिए। वित्त वर्ष 2022 के दौरान, UPI प्लेटफॉर्म पर होने वाले ट्रांजैक्शन की वैल्यू ने 1 लाख करोड़ डॉलर से अधिक के आंकड़े को पार कर लिया था।