Nvidia News: दिग्गज चिप कंपनी एनवीडिया के लिए जुलाई तिमाही के नतीजे धमाकेदार रहे। चालू वित्त वर्ष 2026 (फरवरी 2025-जनवरी 2026) की दूसरी तिमाही मई-जुलाई 2025 में इसका रेवेन्यू सालाना आधार पर 56% बढ़कर $4.67 हजार करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि खास बात ये है कि इसमें से 39% रेवेन्यू तो महज दो ग्राहकों से ही मिला है। इससे कंपनी के क्लाइंट्स के कंसेंट्रेट होने की चिंता बढ़ा दी है यानी कि रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा कुछ ही क्लाइंट्स से आने का खतरा बढ़ा है। खास बात ये भी है कि इसके टॉप दो ग्राहकों से मिलने वाला रेवेन्यू की हिस्सेदारी बढ़ी है।
एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए एनवीडिया ने दूसरी तिमाही के कारोबारी नतीजे में खुलासा किया है कि एक कस्टमर यानी 'कस्टमर ए' की इसके कुल रेवेन्यू में हिस्सेदारी 23% तो दूसरे ग्राहक यानी 'कस्टमर बी' की हिस्सेदारी 16% रही। पिछले साल की समान तिमाही में इसके दो सबसे बड़े ग्राहकों की कंपनी के रेवेन्यू में हिस्सेदारी 14% और 11% थी। कंपनी तिमाही आधार पर अपने टॉप ग्राहकों की जानकारी जारी करती है लेकिन इस हफ्ते जो खुलासा हुआ है, उसने एक बहस छेड़ दी है कि क्या एनवीडिया की ताबड़तोड़ ग्रोथ सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट, एमेजॉन, गूगल और ओरेकल जैसे कुछ बड़े क्लाउड प्रोवाइडर्स की वजह से है?
हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जुलाई तिमाही में कस्टमर ए और कस्टमर बी क्लाउड प्रोवइडर्स ही हों और कंपनी ने भी इनकी पहचान बताने से इनकार कर दिया है। हालांकि कंपनी ने इतना जरूर कहा है कि इसके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों तरीके के ग्राहक हैं और कस्टमर ए और कस्टमर बी इसके सीधे ग्राहक के तौर पर हैं।
प्रत्यक्ष ग्राहक यानी डायरेक्ट कस्टमर एनवीडिया की चिप के एंड यूजर नहीं होते हैं बल्कि ये वे कंपनियां होती हैं जो चिप्स खरीदकर पूरा सिस्टम या सर्किट बोर्ड बनाती हैं, जिन्हें वे बाद में डेटा सेंटर, क्लाउड प्रोवाइडर्स और एंड यूजर्स को बेचती हैं। जैसे कि फॉक्सकॉन, क्वांटा और डेल इत्यादि। वहीं अप्रत्यक्ष ग्राहक यानी इनडायरेक्ट कस्टमर्स की बात करें तो इसमें क्वाउड सर्विस प्रोवाइडर्स, इंटरनेट कंपनियां और एंटरप्राइजेज हैं जो एनवीडिया के प्रत्यक्ष ग्राहकों से सिस्टम खरीदती हैं। एनवीडिया का कहना है कि यह पर्चेज ऑर्डर्स और इंटर्नल सेल्स डेटा के आधार पर इन ग्राहकों से रेवेन्यू का सिर्फ अनुमान ही लगा सकती है। एनवीडिया ने यह खुलासा किया है कि उसके दो अप्रत्यक्ष ग्राहकों की टोटल रेवेन्यू में 10% से अधिक हिस्सा बनाया, जो मुख्य रूप से 'कस्टमर ए' और 'कस्टमर बी' के जरिए सिस्टम खरीदते हैं।
एक तरफ कुछ ही ग्राहकों की रेवेन्यू में बड़ी हिस्सेदारी को लेकर बहस छिड़ गई है लेकिन एनवीडिया का कहना है कि कंपनी ने ऐसे दौर देखे हैं जब इसे सीमित संख्या में ही ग्राहकों से रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा मिलता था और यह प्रवृत्ति जारी रह सकती है। एनवीडिया के फाइनेंस चीफ Colette Kress का कहना है कि क्लाउड सर्विस मुहैया कराने वाली बड़ी कंपनियों की डेटा सेंटर में करीब 50% हिस्सेदारी रही। यह काफी अहम है क्योंकि जुलाई तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक डेटा सेंटर बिजनेस की एनवीडिया के ओवरऑल रेवेन्यू में 88% हिस्सेदारी है।