कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद भारतीय ऑयल मार्केटिग कंपनियां (OMCs) पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में जल्द कटौती नहीं करने वाली हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने शुक्रवार 9 सितंबर को कहा कि ऑयल कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई के लिए अभी और समय चाहिए।
हरदीप पुरी ने ये बातें इस सवाल के जवाब में कहीं कि क्या पिछले एक सप्ताह में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम घटाए जा सकते हैं।
हरदीपुर शुक्रवार को DSF बिड राउंड-III के तहत 31 डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड ब्लॉक (DSF) और CBM बिड राउंट- V के तहत 4 सीबीएम ब्लॉक का कॉन्ट्रैक्ट 14 E&P घरेलू दिए जाने के मौके पर एक मीडिया इवेंट में शामिल हुए थे। इसी दौरान उन्होंने संवाददाताओं के पूछे एक सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।
बता दें कि बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें घटकर 90 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गई हैं, जो जुलाई के अंत में 11 डॉलर प्रति बैरल के आसपास था।
ऑयल मार्केटिग कंपनियां (OMCs) ने इससे पहले कच्चे तेल के दाम में आए तेज उछाल के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें भी नहीं बढ़ाई थी। ऑयल कंपनियां आमतौर पर पिछले 15 दिनों के अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमतों के रोलिंग औसत के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव करती हैं।
जब क्रूड ऑयल के दाम मार्च तिमाही के दौरान बढ़ने शुरू हुए थे, तब ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने उसी हिसाब से बल्क कंज्यूमर के लिए फ्यूल की कीमतें और हवाई जहाजों इस्तेमाल होने वाले जेट फ्यूल (ATF) की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। हालांकि उन्होंने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब 137 दिनों तक कोई बढ़ोतरी नहीं की और इसे पहली बार 22 मार्च को बढ़ाया।
22 मार्च के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कई बार रिवाइज करने के बावजूद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को 2022 की पहली दो तिमाहियों में फ्यूल की रिटेल बिक्री पर भारी घाटा उठाना पड़ा है।