Paytm को RBI से मिली बड़ी राहत; पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस मिला, मर्चेंट ऑनबोर्डिंग पर से भी हटा बैन
RBI ने पेटीएम की सहायक कंपनी PPSL को पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस की इन-प्रिंसिपल मंजूरी दी और मर्चेंट ऑनबोर्डिंग पर से बैन हटा लिया। इससे पेटीएम तीन साल बाद नए मर्चेंट्स को जोड़ सकेगा और डिजिटल पेमेंट कारोबार बढ़ा सकेगा।
नवंबर 2022 में RBI ने PPSL का पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस आवेदन खारिज कर दिया था।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फिनटेक दिग्गज पेटीएम (Paytm) की मालिक वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड को बड़ी राहत दी है। उसने वन 97 कम्युनिकेशंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (PPSL) को पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट, 2007 के तहत ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में संचालन की इन-प्रिंसिपल मंजूरी प्रदान की है। साथ ही, बैंकिंग रेगुलेटर ने मर्चेंट ऑनबोर्डिंग पर बैन भी हटा लिया है।
नवंबर 2022 में हुआ था आवेदन खारिज
यह मंजूरी पेटीएम के लिए एक अहम बदलाव है। नवंबर 2022 में RBI ने PPSL का पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस आवेदन खारिज कर दिया था। उसने कंपनी को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) मानकों का अनुपालन करने के बाद दोबारा अप्लाई करने का निर्देश दिया था। उस समय नए मर्चेंट्स को ऑनबोर्ड करने पर भी रोक लगा दी गई थी, जिसे अब इस मंजूरी के साथ हटा दिया गया है।
ऑनलाइन एग्रीगेटर एक्टीविटीज तक सीमित मंजूरी
RBI ने पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर संचालन की मंजूरी सशर्त दी है। RBI ने स्पष्ट किया है कि यह इन-प्रिंसिपल मंजूरी केवल PA-PG गाइडलाइंस के तहत परिभाषित ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (PA) संचालन तक सीमित है।
ऐसे लेनदेन जो इन गाइडलाइंस के दायरे में नहीं आते, उन्हें PA संचालन के लिए नामित एस्क्रो अकाउंट के माध्यम से प्रोसेस नहीं किया जा सकेगा। जैसे कि मर्चेंट्स की ओर से किए जाने वाले ‘पे-आउट ट्रांजैक्शन्स’।
इन शर्तों का पालन करना जरूरी
RBI ने PPSL को छह महीने के भीतर सिस्टम ऑडिट कराने और रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। इसमें साइबर सिक्योरिटी ऑडिट भी शामिल है। ऐसा न करने पर इन-प्रिंसिपल मंजूरी समाप्त हो जाएगी और अंतिम स्वीकृति प्रदान नहीं की जाएगी।
इसके अलावा, नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों के लिए स्वामित्व में बदलाव, नियंत्रण हासिल करने या भुगतान प्रणाली संचालन के हस्तांतरण के मामलों में पूर्व स्वीकृति लेने संबंधी RBI के दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
पेटीएम से निकल चुका है चीनी निवेश
पिछले दिनों चीन केअलीबाबा ग्रुप की एक कंपनी ने पेटीएम में अपनी शेष 5.84% हिस्सेदारी ब्लॉक डील के जरिए 3,800 करोड़ रुपये में बेच दी। इससे पेटीएम में चीनी निवेशक की हिस्सेदारी अब शून्य हो गई है। यह कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
पेटीएम के तिमाही नतीजे कैसे थे?
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल–जून 2025) में पेटीएम ने 123 करोड़ रुपये का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही के 839 करोड़ रुपये के घाटे से बड़ी छलांग है। कंपनी का यह पहला तिमाही नेट प्रॉफिट है।
पिछले साल RBI ने लगाया था बैन
RBI ने जनवरी 2024 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर प्रतिबंध लगाया था। इससे पेटीएम के रेवेन्यू में बड़ी गिरावट आई। इस झटके से उबरने के लिए पेटीएम ने खर्च में कटौती, नॉन-कोर एसेट्स जैसे पेटीएम इंसाइडर की बिक्री और मर्चेंट लेंडिंग बिजनेस के रीस्ट्रक्चरिंग पर फोकस किया।
RBI के फैसले से पेटीएम को काफी राहत मिलेगी। वह लगभग तीन साल की नियामकीय अनिश्चितता के बाद पेटीएम मर्चेंट ऑनबोर्डिंग फिर से शुरू कर सकेगा। अपने डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार की दिशा में आगे बढ़ पाएगा।
पेटीएम के शेयरों का हाल
पेटीएम के शेयर मंगलवार, 12 अगस्त को 0.31% की मामूली गिरावट के साथ 1,118.50 रुपये पर बंद हुए। बीते 1 महीने में स्टॉक 14.75% ऊपर गया है। वहीं, पिछले 1 साल में इसने 117.35% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। हालांकि, यह भी आईपीओ के प्राइस से काफी नीचे है।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।