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गौतम अदाणी मामले में डोनाल्ड ट्रंप से क्या हुई बात? PM Modi से व्हाइट हाउस में पूछा गया सवाल, मिला ये जवाब

Modi-Trump meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की वाशिंगटन डीसी में हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद एक सवाल चर्चा में था कि क्या इस मुलाकात में अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) के खिलाफ अमेरिकी आरोपों पर कोई बात हुई? लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई

अपडेटेड Feb 14, 2025 पर 9:47 AM
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Modi-Trump meeting: मोदी ने कहा कि दो देशों के दो प्रमुख नेता कभी भी ऐसे व्यक्ति विशेष पर बात नहीं करते हैं

Modi-Trump meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की वाशिंगटन डीसी में हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद एक सवाल चर्चा में था कि क्या इस मुलाकात में अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) के खिलाफ अमेरिकी आरोपों पर कोई बात हुई? लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई।

अमेरिकी समयानुसार गुरुवार को व्हाइट हाउस में हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब मोदी से पूछा गया कि क्या उन्होंने ट्रंप से अदाणी घोटाले को लेकर चर्चा की, तो उन्होंने इसे खारिज कर दिया। मोदी ने कहा, "सबसे पहले, भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमारी संस्कृति और विचारधारा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ है, जिसका अर्थ है कि पूरा विश्व एक परिवार है। हर भारतीय मेरा परिवार है। दूसरा, दो देशों के दो प्रमुख नेता कभी भी ऐसे व्यक्तिगत मुद्दों या व्यक्ति विशेष के बारे चर्चा नहीं करते हैं।"

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मामले का कोई जिक्र नहीं किया।


अमेरिका में अदाणी पर लगे आरोप

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अदाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं और प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाते हैं। उन पर अमेरिकी अभियोजकों ने 250 मिलियन डॉलर (करीब 2,000 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अमेरिकी अदालत में 20 नवंबर को 5 आरोपों वाला एक अभियोग (इंडिक्टमेंट) जारी किया गया, जिसमें अदाणी पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने और अवैध तरीके से कारोबारी लाभ हासिल करने का आरोप लगाया गया। हालांकि, अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

अगर अमेरिका को अदाणी को अपने यहां अदालत में पेश करना है, तो उसे भारत से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। लेकिन अभी तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

ब्लूमबर्ग ने कहा कि अमेरिका की ओर से अदाणी के खिलाफ आपराधिक और दीवानी दोनों तरह के आरोप लगाए जाने के बाद से अदालती कामकाज में खामोशी छाई हुई है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अदाणी ग्रुप ने अमेरिकी में कानूनी फर्मों और लॉबिस्टों की मदद से एक मजबूत राजनीतिक रणनीति तैयार कर ली है, जिससे वे कानूनी चुनौतियों से निपटने और अमेरिका में अपने व्यापार का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, अदाणी के करीबी लोग भारत में सरकारी अधिकारियों से संपर्क में थे, ताकि मोदी-ट्रंप बैठक से पहले इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष स्पष्ट किया जा सके।

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