देश की आर्थिक ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए कीमतों में स्थिरता जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार 23 अगस्त को ये बातें कहीं। उन्होंने कहा "कीमतों में स्थिरता को टिकाऊ विकास का आधार होना चाहिए। कीमतों में स्थिरता के बिना, कोई भी ग्रोथ जिसे आप अल्पावधि में हासिल करने का प्रयास करते हैं, उसका जीवनकाल छोटा ही होगा। इसलिए विकास की रफ्तार को बनाए रखने और देश की जीडीपी ग्रोथ को बनाए रखने के लिए कीमतों में स्थिरता बिल्कुल जरूरी है।"
शक्तिकांत दास ने 29वें ललित दोशी मेमोरियल लेक्चर के दौरान 'सतत भविष्य के बिल्डिंग ब्लॉक्स: कुछ प्रतिबिंब' विषय पर बोलते हुए ये बाते कहीं। उन्होंने आगे कहा कि रिजर्व बैंक की व्यापक आर्थिक और मौद्रिक नीतियां, कीमतों को स्थिर रखने और कर्ज की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर फोकस हैं, जिससे विकास की गति को बनाए रखने और वित्तीय स्थिरता हासिल करने में मदद मिल सके।
RBI गवर्नर ने कहा, "भारत के फाइनेंशियल सिस्टम और इसके विभिन्न सेगमेंट के रेगुलेशन और निगरानी की शक्तियां RBI को दी गई है। इन सेगमेंट में मनी, डेट, फॉरेन एक्सचेंज, पेमेंट और सेंटल सेगमेंट आदि शामिल है। इसके जरिए ही वित्तीय स्थिरता के उद्देश्यों को पूरा किया गया है।"
महंगाई को लेकर RBI गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहेगा कि सेकेंड ऑर्डर को हावी न होने दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फूड कीमतों में बार-बार उछाल की घटनाएं महंगाई को स्थिर करने के लिए जोखिम पैदा करती है। सितंबर 2022 से ही ऐसा देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, "हम इस पर भी नजर रखेंगे।"
झटके लगने की घटनाएं मुद्रास्फीति की उम्मीदों को स्थिर करने के लिए जोखिम पैदा करती हैं, जो सितंबर 2022 से चल रही है। "हम इस पर भी नजर रखेंगे।" भारत की खुदरा महंगाई दर जुलाई में 7.44 फीसदी रही थी, जो इसका पिछले 15 महीनों का उच्च स्तर है।