टाटा एडवान्स्ड सिस्टम्स और डसॉल्ट एविएशन के बीच चार अहम समझौते किए हैं। इसके तहत इंडिया में राफेल फाइटर प्लेन के पुर्जें बनेंगे। डसॉल्ट एविएशन फ्रांस की फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी है। कंपनी ने 5 जून को बताया कि इस समझौते से इंडिया की एयरोस्पेश मैन्युफैक्टरिंग कैपेसिटी बढ़ेगी। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन को भी सपोर्ट मिलेगा। इसके लिए इंडिया में एयरोस्पेस सेक्टर में बड़ा निवेश होगा।
इंडियन एविएशन सेक्टर में होगा बड़ा निवेश
डसॉल्ट एविएशन ने स्टॉक एक्सचेंजों को इस डील के बारे में जानकारी दी है। उसने कहा है कि इंडिया में एयरोस्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए यह एक बड़ा निवेश है। इस एग्रीमेंट के तहत Tata Advanced Systems हैदराबाद में एक आधुनिक प्रोडक्सन फैसिलिटी बनाएगी। इसमें राफेल के कई महत्वपूर्ण पार्ट्स का उत्पादन होगा। इनमें रेयर फ्यूजलेज के लैटरल शेल्स, सेंट्रल फ्यूजलेज और फ्रंट सेक्शन शामिल होंगे।
2028 तक पहला फ्यूजलेज बनकर तैयार हो जाएगा
इस प्लांट में पहला फ्यूजलेज सेक्शन के FY28 में बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है। प्लांट में हर महीने दो पूरे फ्यूजलेज का उत्पादन होगा। डसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन एवं सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा कि पहली बार राफेल के फ्यूलेज का प्रोडक्शन फ्रांस के बाहर होने जा रहा है। यह इंडिया के साथ सप्लाई चेन को मजबूत बनाने की कोशिश की दिशा में बड़ा कदम है। इसके लिए हम अपने लोकल पार्टनर TASL का शुक्रिया अदा करते हैं।
क्वालिटी पर होगा दोनों कंपनियों का फोकस
उन्होंने कहा कि टाटा एडवान्स्ड इंडियन एयरोस्पेस इंडस्ट्री की एक प्रमुख प्लेयर है। इस सप्लाई चेन से राफेल का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। हमारे सहयोग से कंपनी क्वालिटी और प्रतिस्पर्धा से जुड़े दूसरे मानकों को पूरा करेगी। टाटा एडवान्स्ड सिस्टम्स के सीईओ और एमडी सुकरण सिंह ने कहा कि यह पार्टनरशिप इंडिया के एयरोस्पेस सेक्टर के सफर में एक अहम कदम है। इंडिया में राफेल के पूरे फ्यूलेज का उत्पादन टाटा एडावन्स्ड में बढ़ते भरोसे का प्रतीक है।
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इंडियन एयरफोर्स के पास 36 राफेल एयरक्राफ्ट
इंडिया ने अपनी सामरिक क्षमता बढ़ाने के लिए फ्रांस से राफेल एयरक्राफ्ट खरीदा है। अभी इंडियन एयरफोर्स के पास 36 राफेल एयरक्राफ्ट्स है। इंडियन नेवी के पास 2030 तक 26 राफेल मरीन जेट होंगे। दरअसल, इस साल अप्रैल में इंडिया और फ्रांस ने 63,000 करोड़ रुपये की डील की थी। इसमें टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर और इंडिया में मेंटेनेंस और प्रोडक्शन फैसिलिटी लगाना शामिल है। इससे एयकक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में दुनिया में इंडिया की पहचान बनेगी।