RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने इंटरेस्ट रेट बढ़ने की अटकलों पर रोक लगाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि RBI की Monetary Policy Committee (MPC) महंगाई को कंट्रोल में करने के लिए इंटरेस्ट रेट बढ़ाना जारी रखेगी, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि रेपो रेट (Repo Rate) बढ़कर कोविड-19 से पहले के लेवल पर पहुंच जाएगा।
CNBC-TV18 चैनल को दिए इंटरव्यू में दास ने कहा, "रेट हाइक का अंदाजा लगाना बहुत मश्किल काम नहीं है। रेपो रेट थोड़ा बढ़ेगा। लेकिन, कितना बढ़ेगा, इसके बारे में मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। लेकिन यह कहना सही नहीं होगा कि यह बढ़कर 5.15 फीसदी हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि मार्केट का यह अंदाजा सही है कि MPC अगली बैठक में रेट बढ़ाना चाहती है।
RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 6-8 जून तक होने वाली है। शक्तिकांत दास 8 जून को दोपहर से पहले एमपीसी की बैठक के फैसलों के बारे में बताएंगे। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने अचानक रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था। इस वृद्धि के बाद रेपो रेट 4.40 फीसदी हो गया है। RBI ने करीब दो साल बाद रेपो रेट को बढ़ाया था। तेजी से बढ़ती महंगाई को कंट्रोल में करने के लिए उसने ऐसा किया। इसके लिए एमपीसी की इमर्जेंसी मीटिंग बुलाई गई थी।
पिछले कुछ महीनों से इनफ्लेशन लगातार बढ़ रहा है। यह बीते चार महीने से RBI के तय टार्गेट से ऊपर बना हुआ है। अप्रैल में रिटेल इनफ्लेशन बढ़कर 7.79 फीसदी पहुंच गया। मार्च में यह 6.95 फीसदी था। अप्रैल के रिटेल इनफ्लेशन के आंकड़े 12 मई को आए थे।
दास ने कहा कि अब इनफ्लेशन को काबू में करने के लिए तालमेल के साथ फिस्कल और मॉनेटरी एक्शन लिए जा रहे हैं। हाल में उठाए गए फिस्कल कदमों से आने वाले समय में इनफ्लेशन पर अच्छा असर पड़ेगा। सरकार भी तेजी से बढ़ते इनफ्लेशन को काबू में करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करना चाहती है। उसने 21 मई को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटा दी।
पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में प्रति लीटर 8 रुपये और डीजल में प्रति लीटर 6 रुपये की कमी की गई है। कोकिंग कोल और फेरो निकेल जैसे रॉ मैटेरियल पर भी कस्टम ड्यूटी हटा दी गई है। इनका इस्तेमाल स्टील इंडस्ट्री में होता है। उधर, आयरन ओर के एक्सपोर्ट पर ड्यूटी 50 फीसदी तक बढ़ा दी गई है। कुछ स्टील इंटरमीडियरी के एक्सपोर्ट पर ड्यूटी 15 फीसदी बढ़ाई गई है।