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RBI का मुंबई स्थित इंडिया होम लोन पर एक्शन, लगाया 1 लाख रुपये का जुर्माना

RBI imposes monetary penalty: आरबीआई ने एक अन्य विज्ञप्ति में कहा कि उसने केवाईसी नियमों का पालन न करने के लिए ओडिशा के द अंगुल यूनाइटेड सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जानिए क्या है पूरा मामला

अपडेटेड Jun 10, 2024 पर 8:07 PM
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इंडिया होम लोन लिमिटेड पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इंडिया होम लोन लिमिटेड पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना कुछ नियमों का पालन न करने के चलते लगाया गया है। कंपनी का निरीक्षण नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) द्वारा 31 मार्च 2022 तक की वित्तीय स्थिति के मामले में किया गया था। RBI ने एक बयान में कहा कि NHB, RBI के निर्देशों और उस संबंध में संबंधित कॉरेस्पोंडेंस के नॉन-कंप्लायंस के सुपरवाइजरी फाइंडिंग्स के आधार पर कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया। इसमें उसे कारण बताने के लिए कहा गया और पूछा गया है कि निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए।

RBI ने कहा कि कंपनी के जवाब पर विचार करने के बाद उसने पाया कि तय लोन टू वैल्यू (LTV) रेश्यो से अधिक लोन मंजूर करने का आरोप सही साबित हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना उचित है। RBI ने कहा कि यह कार्रवाई रेगुलेटरी कंप्लायंस में कमियों पर आधारित है और इसका मकसद कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैलिडिटी पर निर्णय लेना नहीं है।

Angul United Central Co operative Bank पर भी जुर्माना


RBI ने एक अन्य विज्ञप्ति में कहा कि उसने केवाईसी नियमों का पालन न करने के लिए ओडिशा के द अंगुल यूनाइटेड सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। RBI ने बताया कि इस मामले में 31 मार्च 2023 तक की वित्तीय स्थिति के तहत राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा बैंक का निरीक्षण किया गया।

RBI ने कहा कि RBI के निर्देशों का पालन न करने और उस संबंध में संबंधित कॉरेस्पोंडेंस के सुपरवाइजरी फाइंडिंग्स के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उसे कारण बताने के लिए कहा गया और पूछा गया कि निर्देश का पालन करने में विफल रहने के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। केद्रीय बैंक ने कहा कि नोटिस पर बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद RBI ने पाया कि बैंक केवाईसी के पीरियोडिक अपडेशन के लिए रिस्क-बेस्ड एप्रोच सिस्टम को लागू करने में विफल रहा, जिससे मौद्रिक जुर्माना लगाना उचित है।

MoneyControl News

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Tags: #RBI

First Published: Jun 10, 2024 8:07 PM

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