RBI Policy April 2022: रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक का आज आखिरी दिन है। अगले कुछ घंटों में यह पता चल जाएगा कि रिजर्व बैंक आज रेपो रेट में इजाफा करेगा या नहीं। फिस्कल ईयर 2023 की यह पहली मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा है। ऐसे में आज का यह फैसला अर्थव्यवस्था के लिहाज से काफी अहम है। आज 10 बजे RBI गवर्नर शक्तिकांत दास मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के फैसलों के बारे में विस्तार से बताएंगे। यह बैठक ऐसे वक्त होने जा रही है, जब अमेरिका सहित कई बड़े देशों के केंद्रीय बैंक इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने का ऐलान कर चुके हैं। सवाल है कि क्या आरबीआई भी इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने का ऐलान करेगा। यहां तक कि पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने इंटरेस्ट रेट सीधे 2.50% बढ़ाकर 12.25% कर दिया है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि MPC इस बार भी इंट्रेस्ट रेट नहीं बढ़ाएगी। मनीकंट्रोल के सर्वे में शामिल 12 इकोनॉमिस्ट्स का मानना है कि एमपीसी रेपो रेट को 4 फीसदी पर बनाए रखेगी। हालांकि, उन्होंने यह बताया कि तेजी से बढ़ती महंगाई को देखते हुए आरबीआई इनफ्लेशन के अपने अनुमान को काफी बढ़ा सकता है। खाने के तेल, फ्यूल, फल और सब्जियों सहित कई चीजों के दामों में उछाल आया है।
तेजी से बढ़ रही है महंगाई
डोएचे बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट (इंडिया एंड साउथ एशिया) कौशिक दास ने कहा, "मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की पिछली बैठक 10 फरवरी को हुई थी। उसके बाद से वैश्विक हालात में काफी बदलाव आया है। ऐसे में उम्मीद है कि एमपीसी अपने रुख में बदलाव लाएगी। वह इसे अकोमोडेटिव से बदलकर न्यूट्रल कर सकती है। वह रिवर्स रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा भी सकती है।" उन्होंने कहा कि जहां तक रेपो रेट का सवाल है तो इसमें बदलाव की उम्मीद नहीं दिखती।
14 मार्च को आए सीपीआई के इनफ्लेशन के डेटा से पता चला है कि खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.07 फीसदी हो गई है। फरवरी में यह 6.01 फीसदी थी। इकोनॉमिस्ट्स ने महंगाई दर और बढ़ने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि 15 अप्रैल को इनफ्लेशन के डेटा आने पर महंगाई दर के बढ़कर 6.5 फीसदी पर पहुंच जाने का अंदेशा है। यह लगातार तीसरा महीना होगा, जब इनफ्लेशन RBI के टारगेट से ज्यादा होगा। आरबीआई ने इनफ्लेशन के लिए 2 से 6 फीसदी की रेंज तय की है।
कमोडिटी की कीमतों में तेजी बरकरार
आरबीआई ने 10 फरवरी को पेश मॉनेटरी पॉलिसी में इनफ्लेशन का 4.5 फीसदी का अनुमान जताया था। एक्सपर्ट्स ने इस पर ऐतराज किया है। इसकी वजह यह है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के चलते कमोडिटी की कीमतें आसमान में पहुंच गई हैं। फ्यूल की कीमतें रोजाना बढ़ रही हैं। एक इकोनॉमिस्ट ने इस फाइनेंशियल ईयर में औसत इनफ्लेशन 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
क्रूड ऑयल में लगातार तेजी
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "10 फरवरी को एमपीसी के नतीजों के बाद से ब्रेंट क्रूड का प्राइस 21 फीसदी ऊपर है। घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 6.5 फीसदी चढ़ चुकी हैं। रसोई गैस सिलेंडर 6 फीसदी तक महंगा हो चुका है। कमर्शियल एलपीजी का भाव 12.5 फीसदी बढ़ चुका है। खाने के तेल के भाव करीब 12 फीसदी बढ़ चुके हैं।"
आरबीआई के रुख में जल्द आ सकता है बदलाव
एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगाई जिस तरह से बढ़ रही है, उससे आरबीआई के रुख में जल्द बदलाव की उम्मीद दिख रही है। वह उदार मौद्रिक नीति के अपने रुख में बदलाव कर सकता है। मार्गन स्टेनली ने कहा है कि आरबीआई 8 अप्रैल को अपनी मौद्रिक नीति में रिवर्स रेपो रेट में 15 से 20 बेसिस प्वॉइंट्स का बदलाव कर सकता है। 1 बेसिस प्वॉइंट का मतलब 0.01 फीसदी है। मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2022-23 में रेपो रेट 1.25 फीसदी बढ़ने का अनुमान जताया है।