RBI MPC meeting : भारतीय रिज़र्व बैंक की मॉनीटरी पॉलिसी कमेंटी ने 6 अगस्त को सर्वसम्मति से रेपो दर को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया है। सेंट्र्ल बैंक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ताज़ा टैरिफ धमकियों पर "वेट एंड वॉच" की नीति अपना रहा है। रेट सेटिंग पैनल ने सर्वसम्मति से आरबीआई के रुख को भी 'न्यूट्रल ' बनाए रखने का निर्णय लिया है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 का रिटेल महंगाई दर अनुमान घटाया है। वित्त वर्ष 2026 का रिटेल महंगाई अनुमान 3.7 फीसदी से घटकर 3.1 फीसदी किया गया है। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही का रिटेल महंगाई अनुमान 3.4 फीसदी से घटकर 2.10 फीसदी किया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही का रिटेल महंगाई अनुमान 3.10 फीसदी से घटकर 3.9 फीसदी किया गया है। वित्त वर्ष 2026 की चौथी तिमाही का रिटेल महंगाई अनुमान 4.40 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही का रिटेल महंगाई अनुमान 4.90 फीसदी रखा गया है।
आरबीआई पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर न कहा कि मॉनसून सीजन की स्थिति बेहतर है। आगे महंगाई पर निर्णायक फैसले लेते रहेंगे। वित्तवर्ष के अंतिम तिमाही से महंगाई में बढ़त संभव है। घरेलू आर्थिक गतिविधियों पर फोकस जारी रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि FY26 रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। Q2 FY26 रियल GDP अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। Q3 FY26 रियल GDP अनुमान 6.60 फीसदी पर बरकरार है। Q4 FY26 रियल GDP अनुमान 6.30 फीसदी पर बरकरार है। वहीं, Q1 FY27 रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.60 फीसदी किया गया है।
बता दें कि जून में रिटेल महंगाई घटकर 77 महीनों के निचले स्तर 2.1 फीसदी पर आ गई थी जो पिछले महीने के 2.8 फीसी से कम है। खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट के कारण रिटेल महंगाई में यह गिरावट आई। महंगाई का आंकड़ा आरबीआई के टॉलरेंस बैंड के निचले स्तर के करीब रहा।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, " खाने-पीने की चीजों, विशेषकर सब्जियों की कीमतों में गिरावट के कारण मंहगाई पहले के अनुमान से काफी कम है। लेकिन वित्त वर्ष 2026 की अंतिम तिमाही से इसमें बढ़ोतरी का अनुमान है।"