Repo Rate: अब लोन होगा सस्ता, EMI भी हो जाएगी कम... RBI ने 5 साल रेपो रेट घटाकर दी खुशखबरी

RBI Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने करीब 5 सालों के लंबे अंतराल के बाद शुक्रवार को पहली बार रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया है। इस ऐलान से बैंकों के लोन की ब्याज दरें सस्ती हो सकती है और आपकी होम लोन EMI का बोझ भी कम हो सकता है। RBI ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। केंद्रीय बैंक ने देश की आर्थिक ग्रोथ को रफ्तार देने के मकसद से ब्याज दरों में यह कटौती की है

अपडेटेड Feb 07, 2025 पर 11:03 AM
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RBI Repo Rate Cut: आरबीआई ने इससे पहले मई, 2020 में रेपो रेट को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया गया था।

RBI Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने करीब 5 सालों के लंबे अंतराल के बाद शुक्रवार को पहली बार रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया है। इस ऐलान से बैंकों के लोन की ब्याज दरें सस्ती हो सकती है और आपकी होम लोन EMI का बोझ भी कम हो सकता है। RBI ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। केंद्रीय बैंक ने देश की आर्थिक ग्रोथ को रफ्तार देने के मकसद से ब्याज दरों में यह कटौती की है।

RBI ने इससे पहले मई, 2020 में कोविड-19 महामारी के समय रेपो रेट को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया गया था। फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के जोखिमों से निपटने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 में दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू की थी और यह सिलसिला फरवरी, 2023 में जाकर रुका था। रेपो दर करीब दो साल से 6.50 प्रतिशत पर स्थिर थी।

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक में लिए गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि छह सदस्यीय समिति ने आम सहमति से रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।


क्या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर कमर्शियल बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई महंगाई को काबू में रखने के लिये इस दर का उपयोग करता है।

रेपो दर में कमी करने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (EMI) में कमी आने की उम्मीद है। इसके साथ, एमपीसी ने अपने रुख को ‘तटस्थ’ बनाये रखने का निर्णय किया है।

आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक ग्रोथ रेट 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 6.4 प्रतिशत पर रहने के अनुमान को बरकरार रखा है।

वहीं खुदरा महंगाई दर अगले वित्त वर्ष में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है।

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First Published: Feb 07, 2025 11:03 AM

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