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RBI Repo Rate: आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर रखा बरकरार, लगातार 7वीं बार नहीं बदली ब्याज दरें

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने शुक्रवार 5 अप्रैल को रेपो रेट (Repo Rate) में लगातार सातवीं बार कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही बरकरार रखा गया है। यह अर्थशास्त्रियों के अनुमानों के मुताबिक है, जिन्होंने नए वित्त वर्ष की पहली MPC बैठक में दरों में किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं जताई थी

अपडेटेड Apr 05, 2024 पर 10:25 AM
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RBI Repo Rate: केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5% कर दिया था

रिजर्व बैंक ने Repo Rate नहीं बढ़ाया। भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने शुक्रवार 5 अप्रैल को लगातार सातवीं बार रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही बरकरार रखा गया है। RBI की 6 सदस्यों वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने 5-1 के बहुमत के साथ रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने अपने रुख में भी कोई बदलाव नहीं किया है। यह अर्थशास्त्रियों के अनुमानों के मुताबिक है, जिन्होंने नए वित्त वर्ष की पहली MPC बैठक में दरों में किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं जताई थी।

आखिरी बार फरवरी 2023 में हुआ था बदलाव

केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5% कर दिया था। तब से उसने रेपो रेट को इसी पर बरकरार रखा है। हालांकि पिछले एक साल में RBI का रख आक्रामक बना हुआ है और उसने खुदरा मंहगाई दर को इसके 4% के मीडियम लक्ष्य तक नीचे लाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। बता दें कि सरकार की ओर से RBI को महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के बीच रखने का लक्ष्य मिला है।

महंगाई दर लगातार 53वें महीने 4% से ऊपर


खुदरा महंगाई दर हाल के महीनों में RBI की ओर से तय 6% की सीमा से नीचे रहा है, लेकिन यह अभी भी 4% के मीडियम-लक्ष्य से काफी ऊपर है। फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.09 फीसदी रही थी। साथ ही यह लगातार 53वां महीना था, जब खुदरा महंगाई दर 4% के मीडियम लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।

SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा महंगाई दर के मार्च में भी 5% के ऊपर रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है, "इसके बाद जुलाई 2024 तक महंगाई में गिरावट आने की उम्मीद है, लेकिन उसके बाद सितंबर में यह बढ़कर 5.4% के शिखर पर पहुंच जाएगी, जिसके बाद इसमें गिरावट आएगी।"

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