केंद्रीय बैंक RBI ने 26 अप्रैल को एलिजिबल स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) को यूनिवर्सल बैंक के लाइसेंस के लिए आवेदन का विंडो खोल दिया है। इस पर ऑन-टैप लाइसेंसिंग के नियमों के तहत प्रोसेस आगे बढ़ेगा। RBI ने कहा कि आवेदन करने वाले एसएफबी को पिछली तिमाही के आखिरी में कम से कम 1 हजार करोड़ रुपये का नेटवर्थ बनाए रखने की जरूरत है और उन्हें SFB के लिए तय किए गए CRAR (कैपिटल टू रिस्क वेटेड एसेट्स रेश्यो) के लिए तय मानकों को भी पूरा करना होगा। केंद्रीय बैंक के अनुसार जो स्मॉल फाइनेंस बैंक यूनिवर्सल बैंक बनना चाहते हैं, उनका कम से कम पांच साल का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार होना चाहिए।
इसके अलावा उनके शेयर किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने चाहिए। इसके अलावा पिछले दो वित्तीय वर्षों में शुद्ध मुनाफा होना चाहिए। साथ ही पिछले दो वित्त वर्षों में ग्रॉस एनपीए 3 फीसदी या इससे कम और नेट एनपीए 1 फीसदी या इससे कम होना चाहिए।
प्रमोटर्स को लेकर ये है नियम
यूनिवर्सल बैंक के लिए आवेदन करने वाले SFB का प्रमोटर होना जरूरी नहीं लेकिन अगर कोई प्रमोटर है तो यूनिवर्सल बैंक में बदलने के बाद भी उनका प्रमोटर होना जरूरी होगा। ट्रांजिशन की इस प्रक्रिया के दौरान नए प्रमोटर्स नहीं जुड़ सकते या प्रमोटर्स में बदलाव भी नहीं हो सकता है। हालांकि यूनिवर्सल बैंक बनने के बाद प्रमोटर्स के लिए मिनिमम शेयरहोल्डिंग के लिए कोई लॉन-इन पीरियड नहीं होगा। अगर प्रमोटर के शेयरहोल्डिंग में कटौती की किसी योजना को मंजूरी मिल चुकी है. तो उसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
क्या है 2019 की गाइडलाइंस?
RBI ने दिसंबर 2019 में एसएफबी के लिए ऑन-टैप लाइसेंसिंग पर दिशानिर्देश जारी किया था। इसमें एसएफबी को यूनिवर्सल बैंकों में बदलने के लिए एक रास्ता तैयार किया गया था। आरबीआई के मुताबिक अगर कोई एसएफबी यूनिवर्सल बैंक बनना चाहता है तो यह अपना अलग रूप बनाए रखने का विकल्प चुन सकता है। हालांकि यह ट्रांजिशन अपने आप नहीं हो जाएगा। इसके लिए RBI के पास आवेदन करना होगा और यूनिवर्सल बैंक बनने के वास्ते मिनिमम पेड-अप वोटिंग इक्विटी कैपिटल/नेटवर्थ की जरूरतों को पूरा करना होगा। इसके अलावा कम से कम पांच साल के लिए स्मॉल फाइनेंस बैंक का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए।