भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payment Banks or PPBL) को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, वॉलेट और फास्टैग आदि में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है। आरबीआई के इस कदम पर फिनटेक कंपनी भारतपे के पूर्व फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने नाराजगी जताई है और कहा है कि आरबीआई का एक्शन, फिनटेक कंपनियों के हित में नहीं है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को इस मामले को देखने की अपील की है।
अश्नीर ग्रोवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'मैं RBI को नहीं समझता। साफ तौर पर RBI, कारोबार में फिनटेक नहीं चाहता है। हाल ही में सभी नियम/कदम फिनटेक के खिलाफ हैं। इस तरह के कदम इस क्षेत्र को पूरी तरह से खत्म कर देंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री कार्यालय को दखल देने की जरूरत है। पिछले 10 वर्षों में स्टार्टअप, मार्केट कैप और रोजगार के सबसे बड़े क्रिएटर रहे हैं। आज IIM और IIT लोगों को नियुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं- एक देश के तौर पर हम इस तरह की ओवररीच बर्दाश्त नहीं कर सकते।'
आगे कहा कि दुनिया के लिए यूपीआई का डंका बजाना और भारत में दिग्गज फिनटेक्स को सजा देना शुद्ध 'दोगलापन' है।
क्यों उठाया RBI ने यह कदम
वहीं आरबीआई का कहना है कि उसने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ यह कदम कॉम्प्रिहैन्सिव सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटर्स की कंप्लायंस वैलिडेशन रिपोर्ट के बाद उठाया है। आरबीआई ने 31 जनवरी को बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इन रिपोर्टों से पेटीएम पेमेंट्स में लगातार नियमों का अनुपालन न होने और मैटेरियल सुपरवाइजरी से जुड़ी चिंताएं सामने आईं। इसके बाद आगे के एक्शन की जरूरत पड़ी।