New Labour Codes में एंप्लॉयीज से जुड़ी कई चीजों को आसान बनाने की कोशिश की गई है। इसमें Wages (Salary), सोशल सिक्योरिटी, हेल्थ, काम की स्थितियां सहित कई चीजों को स्पष्ट किया गया है। सैलरी के पेमेंट को लेकर स्पष्ट नियमों का उल्लेख है।
New Labour Codes में एंप्लॉयीज से जुड़ी कई चीजों को आसान बनाने की कोशिश की गई है। इसमें Wages (Salary), सोशल सिक्योरिटी, हेल्थ, काम की स्थितियां सहित कई चीजों को स्पष्ट किया गया है। सैलरी के पेमेंट को लेकर स्पष्ट नियमों का उल्लेख है।
Code on Wages, 2019 में एंपलॉयीज/ वर्कर्स को वेजेज का पेमेंट कब होगा इसके बारे में बताया गया है। यह डेली, वीकली,फोर्टनाइटली या मंथली हो सकता है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि इसमें (Code on Wages, 2019) में Wages के दायरे से Statutory Bonus को बाहर रखा गया है।
अभी प्रोविजंस ऑफ पेमेंट ऑफ वेजेज एक्ट, 1936 लागू है। इसके दायरे में सिर्फ ऐसे वर्कर्स के वेजेज और उसके सेटलमेंट के बारे में बताया गया है, जिनका वेजेज मासिक 24,000 रुपये से ज्यादा नहीं है। इसमें सैलरीज और अलाउन्सेज के साथ बोनस का भी उल्लेख है। नौकरी की शर्तों के मुताबिक इनके पेमेंट की शर्तें दी गई हैं।
नए लेबर कोट में वेजेज के पेमेंट या उसके सेटलमेंट के लिए एंपलॉयीज की सैलरी की सीमा तय नहीं गई है। इसके तहत सभी तरह के एंपलॉयीज आएंगे। वेजेज के फुल एंड फाइनल सेटलमेंट के बारे में कहा गया है कि कंपनी (Organization) छोड़ने, बर्खास्तगी, छंटनी और इस्तीफा के 2 दिन के अंदर एंप्लॉयीज को वेजेज का पेमेंट हो जाना चाहिए। अभी वेजेज के पेमेंट और सेटलमेंट पर ज्यादातर राज्यों के नियम लागू हैं। इनमें 'इस्तीफा' शामिल नहीं है।
उदाहरण के लिए, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी के नियमें में इस्तीफा की कैटेगरी के बारे में साफ तौर पर बताया गया है। दूसरे राज्य जैसे महाराष्ट्र और त्रिपुरा के नियमों में दो दिन के अंदर वेजेज के पेमेंट के लिए कंपनी की तरफ से एंप्लॉयीज के टर्मिनेशन को शामिल किया गया है।
अभी एंप्लॉयीज के इस्तीफा, बर्खास्तगी की स्थिति में उसके वेजेज के पेमेंट में काफी वक्त लगता है। उदाहरण के लिए अगर किसी एंप्लॉयी का आखिरी वर्किंग डे 1 जून, 2022 है तो उसे वेजेज का सेटलमेंट 30 जून से 31 जुलाई के बीच होना जरूरी है। नए लेबर कोड के लागू होने के बाद इस एंप्लॉयी के वेजेज का सेटलमेंट 3 जून, 2022 तक हो जाएगा।
नौकरी ज्वाइन करने वाले एंप्लॉयीज के वेजेज के बारे में भी नए लेबर कोड के बारे में बताया गया है। इसके मुताबिक, वेजेज का सेटलमेंट अगले महीने के सात दिन के अंदर हो जाना चाहिए। वेजेज का पीरियड एक महीना से ज्यादा नहीं हो सकता। अभी हर कंपनी में सैलरी के कैलकुलेशन के लिए अलग-अलग कट-ऑफ डेट होती है। अगर कोई एंप्लॉयी इस कट-ऑफ डेट के बाद ज्वाइन करता है तो ज्यादातर कंपनियां उस महीने के बाकी दिनों के वेजेज को अगले महीने के वेजेज के साथ जोड़कर पेमेंट करती हैं।
इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए सैलरी के कैलकुलेशन के लिए कट-ऑफ डे महीने की 25 तारीख है। ऐसे में अगर कोई एंप्लॉयी 26 से 30 अप्रैल के बीच ज्वाइन करता है तो उसकी अप्रैल की सैलरी मई की सैलरी के साथ जोड़कर दी जाती है। इस तरह वेजेज का पीरियड एक महीना से ज्यादा हो जाता है। नए लेबर कोड लागू होने पर यह व्यवस्था खत्म हो जाएगी। इसका मतलब है कि अगर कोई एंप्लॉयी कट-ऑफ डेट के बाद भी ज्वाइन करता है तो उसकी सैलरी उसी महीने के आखिर में मिल जाएगी।
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