Monkeypox : डब्ल्यूएचओ (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधनोम (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि वह मंकीपॉक्स को लेकर खासे चिंतित हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक यह बीमारी वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी (health emergency) की स्थिति में नहीं पहुंची है।
कई देशों में इसके मामले सामने आने के कई पहलू असामान्य हैं, जैसे- ऐसे देशों में मंकीपॉक्स के मामले देखने में आए हैं जहां पहले कभी यह वायरस सामने नहीं आया था। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा, हकीकत में ज्यादातर मामले उन पुरुषों में देखने को मिले हैं जिन्होंने युवा पुरुषों के साथ सेक्स किया और स्मालपॉक्स से बचाव का टीका नहीं लगवाया था।
यहां ऐसी 10 बातों के बारे में बताया जा रहा है, जो आपके लिए जानना जरूरी हैं:
- WHO ने एक अलग बयान में कहा कि भले ही कमेटी में कुछ अलग-अलग विचार हैं, लेकिन कुल मिलाकर इस बात पर सहमत हैं कि इस स्थिति में यह बीमारी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (PHEIC) नहीं है।
-वर्तमान में सिर्फ कोरोनावायरस महामारी (coronavirus pandemic) को ही “ग्लोबल इमरजेंसी” का लेबल मिला हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ एक मीटिंग में सलाह मिलने के बाद डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स के मामले में पीछे हट गया था।
-डब्ल्यूएचओ के कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि पॉक्स वायरस इंफेक्शन से बचाव के लिए जनता में प्रतिरक्षा के कम स्तर को देखते हुए इसके बड़े स्तर पर फैलने का खतरा है, जिसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
-कमेटी ने इस बात पर भी जोर दिया कि मंकीपॉक्स वायरस की अनदेखी की गई है और WHO African Region के देशों में वर्षों से इसको नियंत्रित नहीं किया गया है।
- मंकीपॉक्स का प्रकोप विश्व में तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब तक दुनिया के 48 देशों में यह खतरनाक वायरस फैल चुका है। अभी तक इसके 3,200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
-इस साल अभी तक मध्य अफ्रीका में लगभग 1,500 केस सामने आए हैं और 70 की मौत हो चुकी है।
-मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जिसमें फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। यह बीमारी ज्यादा पुरुषों में फैल रही है।
-मंकीपॉक्स (monkeypox) के लिए वैक्सीन और उपचार उपलब्ध हैं, हालांकि इनकी आपूर्ति सीमित है।
-कुछ वैश्विक हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा, इस समय यह घटना अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है जो कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी किए जाने वाले अलर्ट का उच्चतम स्तर है। समिति ने यह स्वीकार किया कि बैठक का आयोजन मंकीपॉक्स के अंतर्राष्ट्रीय प्रसार के बारे में बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
-येल यूनिवर्सिटी में इपिडिमायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर ग्रेग गोनसाल्विस ने रॉयटर्स को बताया, उन्हें लगता है कि यह फैसला ‘गलत रास्ते पर ले जाने वाला’ है। गोनसाल्विस ने कमेटी को सलाह दी थी, लेकिन वह डब्ल्यूएचओ के सदस्य नहीं हैं।