OpenAI IPO: ओपनएआई के सीईओ सैम आल्टमैन का कहना है कि उन्हें चैटजीपीटी (ChatGPT) की पैरेंट कंपनी के आईपीओ को लेकर निवेशकों के बेसब्री से इंतजार के बारे में पता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी अपनी ग्रोथ के उस चरण में है, जहां आईपीओ लाने की जल्दबाजी नहीं की जा सकती है। उन्होंने ये बातें सीएनबीसी के Squawk Box पर शुक्रवार 8 अगस्त को एक इंटरव्यू में कही। उन्होंने कहा कि लोग क्यों जल्द से जल्द ओपनएआई की लिस्टिंग चाहते हैं, इसे वह बखूबी समझ रहे हैं। हालांकि उन्होंने आगे कहा कि प्राइवेट मार्केट में कितनी ग्रोथ होती है, और ग्रोथ के इस चरण तक कैसे हर निवेशक नहीं पहुंच पाते हैं, इसे लेकर वह थोड़े निगेटिव हैं।
क्या है OpenAI की लिस्टिंग में दिक्कत?
चैटजीपीटी के ओपनएआई की वैल्यू $50 हजार करोड़ डॉलर है और अभी भी यह प्राइवेट कंपनी बनी हुई है। प्राइवेट कंपनी का मतलब अभी इसकी होल्डिंग की पब्लिकली लेन-देन नहीं हो रहा है। इसमें माइक्रोसॉफ्ट की बड़ी हिस्सेदारी है। सैम आल्टमैन का कहना है कि चूंकि कंपनी अभी भी ऑपरेशनल चुनौतियों से जूझ रही है तो इसे अभी लिस्ट करना यानी कि आईपीओ लाना बहुत मुश्किल है।
ChatGPT की पैरेंट कंपनी कब तक आएगी मुनाफे में?
जब सैम आल्टमैन से पूछा गया कि चैटजीपीटी की पैरेंट कंपनी ओपनएआई कब तक मुनाफे में आएगी तो इसे लेकर उन्होंने कहा कि कंपनी उम्मीद से पहले ही मुनाफे में आ सकती है। हालांकि उन्होंने आगे कहा कि इसकी बजाय एआई डेवलपमेंट में आगे बने रहने के लिए इसे प्रशिक्षण में भारी निवेश करना जारी रखेगी। यह लॉन्ग टर्म फोकस भी एक और वजह है कि कंपनी फिलहाल लिस्टिंग की बजाय प्राइवेट बने रहने की स्ट्रैटेजी अपना रही है। सैम आल्टमैन ने कहा कि ओपनएआई जब भी लिस्ट होगी तो इसके सामने बहुत बड़ी संभावनाएं होंगी।