बीएसई सेंसेक्स 8 सत्र में 5,000 अंक से ज्यादा चढ़ चुका है। इससे स्टॉक मार्केट में रौनक लौट आई है। लंबे अरसे बाद गुरुवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख में बदलाव दिखा। उन्होंने इंडियन मार्केट में खरीदारी की। स्टॉक मार्केट का सेंटिमेंट कई वजहों से बेहतर हुआ है। रूस-यूक्रेन क्राइसिस खत्म करने के लिए कोशिशें जारी हैं। क्रूड का प्राइस 100 डॉलर से नीचे आ गया है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने उम्मीद के मुताबिक इंट्रेस्ट रेट 0.25 फीसदी बढ़ाया है।
7 मार्च को सेंसेक्स 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था। यह अपने रिकॉर्ड हाई लेवल से 16 फीसदी टूट गया था। 15 मार्च को छोड़ दें तो पिछले 8 कारोबी सत्रों में सेंसेक्स 5000 अंक से ज्यादा चढ़ा है। निफ्टी 50 में इस दौरान 1400 अंक से ज्यादा की तेजी आई है। 11 फरवरी के बाद से फॉरेन इनवेस्टर्स ने पहली बार खरीदारी की है।
गुरुवार (17 मार्च) को निफ्टी 50 में 311 अंक यानी 1.84 फीसदी की तेजी आई। कारोबार के अंत में यह 17,287 अंक पर रहा। सेंसेक्स 1,047 अंक यानी 1.84 फीसदी के उछाल के साथ 57,863 अंक पर बंद हुआ। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट में उछाल की वजह शॉर्ट-कवरिंग रही। दूसरे एशियाई मार्केट्स से भी इंडियन मार्केट को सपोर्ट मिला।
एशियाई मार्केट में करीब 7 फीसदी की सबसे ज्यादा तेजी हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में आई। जापान का निक्केई 3.5 फीसदी चढ़ा। चीन के शंघाई कंपोजिट में भी 1 फीसदी से ज्यादा मजबूती आई। इन मार्केट्स पर बुधवार को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों में आई तेजी का असर दिखा। बुधवार को नैस्डेक कंपोजिट 3.8 फीसदी चढ़ा। एसएंडपी 500 भी 2.22 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुआ। डाओ जोंस 1.5 फीसदी उछला।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा, "फेड ने इंट्रेस्ट रेट 0.25 फीसदी बढ़ाया, जो उम्मीद के मुताबिक है। उसने इस साल और छह बार इंट्रेस्ट बढ़ने का अनुमान जताया है। इससे अमेरिकी बाजार में इतनी ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं थी। चूंकि, बाजार में जरूरत से ज्यादा बिकवाली हुई थी। इसलिए शॉर्ट-कवरिंग की वजह से मार्केट उछला।"
उन्होंने बताया कि बाजार का भरोसा फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के इस बयान से बढ़ा कि अमेरिकी इकोनॉमी मजबूत स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि यह रेट में बढ़ोतरी के असर से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा, "लंबे समय बाद फॉरेन इनवेस्टर्स ने मार्केट में खरीदारी की। क्रूड में नरमी से भी मार्केट को सपोर्ट मिला।"
पिछले 8 सत्रों में आई तेजी से इनवेस्टर्स की वेल्थ 19 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ी है। 7 मार्च को बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन 241 करोड़ रुपये था। 17 मार्च को यह बढ़कर 260 लाख करोड़ रुपये हो गया। सिर्फ गुरुवार को इनवेस्टर्स की वेल्थ 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई।
गुरुवार को मेटल को छोड़ सभी दूसरे सेक्टर में तेजी देखने को मिली। 8 मार्च के बाद से बैंक, ऑटो, एफएमसीजी, आईटी, रियल्टी में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली है। फॉरेन इनवेस्टर्स ने बुधवार को 312 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। हालांकि, मार्च में अब भी उन्होंने शुद्ध रूप से 44,417 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।