एनडीटीवी में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए अडाणी ग्रुप के सामने एक और दिक्कत खड़ी हो सकती है। अडाणी ग्रुप (Adani Group) को दिग्गज मीडिया कंपनी नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए टैक्स अथॉरिटीज से क्लियरेंस की जरूरत पड़ेगी। एनडीटीवी ने आज 31 अगस्त को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी है।
यह है टैक्स से जुड़ा मामला
करीब पांच साल पहले वर्ष 2017 में आयकर विभाग ने एनडीटीवी के फाउंडर्स प्रणव रॉय और राधिका रॉय को मीडिया कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने से रोक लगा दिया था। यह रोक उनके टैक्स के रीएसेसमेंट को लेकर लगाया गया था। एनडीटीवी द्वारा शेयर बाजारों को दी गई जानकारी के मुताबिक टैक्स अथॉरिटीज इसकी भी जांच कर रही है कि जो कर्ज दिया गया था, उससे 175 करोड़ रुपये का अनुमानित कैपिटल गेन हुआ है या नहीं। यह कैपिटल गेन कर्ज को इक्विटी में ट्रांसफर करने पर होगा। एनडीटीवी ने कहा कि अडाणी ग्रुप को टैक्स अथॉरिटीज के पास इन मामलों पर स्पष्टीकरण के लिए भेजे गए एप्लीकेशन पर साथ आने को कहा गया था।
एनडीटीवी में हिस्सेदारी का इस प्रकार अडाणी ग्रुप ने किया दावा
देश के सबसे अमीर शख्स गौतम अडाणी (Gautam Adani) की अडाणी ग्रुप ने कुछ दिनों पहले दिग्गज मीडिया नेटवर्क एनडीटीवी में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने की अपनी योजना का खुलासा किया था। अडाणी ने करीब एक दशक पहले एनडीटीवी के फाउंडर्स को 400 करोड़ रुपये का लोन देने वाली कंपनी का अधिग्रहण कर लिया है। यह कर्ज एक वारंट के बदले दिया गया था जिसके तहत लोन देने वाले के किसी भी समय इसे इक्विटी में बदलने का अधिकार दिया गया। पिछले हफ्ते अडाणी ग्रुप ने कहा कि वह इस अधिकार का इस्तेमाल कर लिया है यानी कि अप्रत्यक्ष रूप से एनडीटीवी में अडाणी ग्रुप की हिस्सेदारी हो गई है। हालांकि एनडीटीवी का कहना है कि यह उसकी सहमति के बिना हुआ है।