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Ashneer Grover ने 100 करोड़ के शेयर खोए, अब BharatPe में करीब 9.5% हिस्सेदारी के लिए है लड़ाई

BharatPe के बोर्ड ने अशनीर ग्रोवर और भाविक कोलाडिया के बीच हिस्सेदारी को लेकर शुरू हुए नए विवाद में किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार किया है

अपडेटेड Mar 08, 2022 पर 8:15 PM
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अशनीर ग्रोवर, भारतपे के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर

फिनटेक स्टार्टअप भारतपे (BharatPe) से जुड़ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा विवाद कंपनी के मूल फाउंडर भाविक कोलाडिया (Bhavik Koladiya) की हिस्सेदारी को लेकर है, जिसका एक हिस्सा अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) के पास होने की बात कही जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, BharatPe के बोर्ड ने इस नए विवाद में किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार किया है। ऐसे में अब शेयरहोल्डरों को मिलकर ही इस विवाद को सुलझाना पड़ेगा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोलाडिया ने अपनी हिस्सेदारी अशनीर ग्रोवर और एक अन्य को-फाउंडर शाश्वत नकरानी (Shashwat Nakrani) के बीच अपनी हिस्सेदारी को बांट दी थी। लगभग 2018 तक, कोलाडिया के पास कंपनी की 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी थी। हालांकि बाद में नए फंडिंग राउंड में निवेशकों के जुड़ेन के साथ उनकी हिस्सेदारी कम होती गई।

फिलहाल, BharatPe में 19.6 फीसदी हिस्सेदारी सिकोइया कैपिटल के पास है, जो कंपनी की प्रमुख निवेशक है। वहीं Coatue के पास 12.4 फीसदी, Ribbit Capital के पास 11 फीसदी और Benext के पास 9.6 फीसदी हिस्सेदारी है।


दिलचस्प है कोलाडिया की हिस्सेदारी का मामला

कंपनी से जुड़े एक सूत्र ने बताया, "सिकोइया कैपिटल के कंपनी में निवेश से पहले कोलाडिया की हिस्सेदारी को बाकी दो कोफाउंडरों के बीच बांट दी गई थी, जिससे कोलाडिया का नाम शेयरहोल्डर वाली लिस्ट से हटाया जा सके। इस मामले में ईमेल पर बातचीत भी हुई थी और शायद उनके बीच समझौता भी हुआ था।"

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हालांकि इस बीच अशनीर ग्रोवर को कंपनी से हटा दिया गया। साथ ही इस पूरी प्रक्रिया में अशनीर और भाविक कोलाडिया के बीच संबंध भी बेहद खराब हो गए हैं, जैसा कि हाल ही में दोनों के बीच बातचीत का एक कथित ऑडियो लीक होने से पता चला था। अशनीर के कंपनी से निकलने के साथ कोलाडिया की हिस्सेदारी का मामला फंस गया और अब वह इस मामले में वकीलों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं।

एक दूसरे सूत्र ने बताया, "पिछले एक हफ्ते में जिस तरह से चीजें सामने आई हैं, उसे देखते यह कहा जा सकता है कि कंपनी में कोलाडिया की हिस्सेदारी और उससे जुड़े समझौते को लेकर और अधिक विवाद देखने को मिलेगा। मोटे तौर पर अशनीर ग्रोवर के पास इस समय कंपनी की करीब 8.5-9.5 फीसदी हिस्सेदारी है। हालांकि इसमें करीब 4 फीसदी हिस्सेदारी कोलाडिया की है। कोलाडिया और शाश्वत नकारानी के बीच भी हिस्सेदारी को लेकर ऐसा ही एक समझौता है।"

कोलाडिया को क्यों बांटनी पड़ी थी अपनी हिस्सेदारी

साल 2015 में कोलाडिया को अमेरिका में एक क्रेडिट कार्ड फ्रॉड मामले में दोषी ठहराया गया था। यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट मार्क हॉर्नक ने पेनसिल्वेनिया के मोनरोविले के भाविककुमार एच. कोलाडिया उर्फ ​​"बॉब पटेल" को सजा सुनाई थी। इसके बाद कानूनी अड़चनों के चलते कोलाडिया को अपनी हिस्सेदारी अशनीर ग्रोवर और शाश्वत नकरानी के बीच बांटनी पड़ी।

इसके बाद BharatPe की सभी प्रमुख फंडिंग-राउंड में उसकी अगुआई अशनीर ग्रोवर ही करते थे। 2021 में हुए आखिरी फंडिंग राउंड में कंपनी की वैल्यू 2.8 अरब डॉलर लगी थी। ग्रोवर पिछले साल भारतपे के मैनेजिंग डायरेक्टर बने थे। हालांकि इसके साथ उन्होंने फंडिंग-राउंड में भारतपे की अगुआई करना भी जारी रखा था। कोलाडिया के लिंक्डन प्रोफाइल के मुताबिक वह भारतपे से जुड़े हैं, लेकिन इसमें उनके पद का जिक्र नहीं है।

कोलाडिया को कैसे वापस मिलेगी उनकी हिस्सेदारी?

ग्रोवर के करीबी सूत्रों ने बताया कि जिस तरह से उन्हें बेवजह कंपनी से निकाला गया है, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है वह आसानी से कंपनी में अपनी हिस्सेदारी छोड़ने वाले नहीं हैं। ऐसे में यह काफी जटिल स्थिति बन गई है कि कोलडिया की हिस्सेदारी अब उन्हें अशनीर ग्रोवर से कैसे वापस लेकर ट्रांसफर की जाए। इस बीच कोलडिया इस मामले में अपने वकीलों से सलाह मशविरा कर रहे हैं।

अशनीर ग्रोवर ने 100 करोड़ के शेयर

अशनीर ग्रोवर ने कुछ दिनों पहले एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया कि कंपनी ने उनसे करीब 100 रुपये का स्टॉक ऑप्शन छीन लिया। उन्होंने कहा, "मैंने असल में करीब 100 करोड़ रुपये के मैनेजमेंट स्टॉक ऑप्शन छोड़ दिए, जो मुझे मिले थे। उन लोगों ने मुझसे यह छीन लिया। उन्होंने माधुरी जैन (अशनीर की पत्नी और भारतपे की पूर्व हेड ऑफ कंट्रोल्स) से भी धोखाधड़ी की और उसके भी 12 करोड़ रुपये के इक्विटी छीन लिए।"

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