यूक्रेन-रशिया युद्ध के कारण पूरी दुनिया के साथ भारतीय बाजारों पर भी दबाव देखने को मिल रहा है। सेंसेक्स-निफ्टी अपने रिकॉर्ड हाई से 16 फीसदी तक टूट गए हैं लेकिन तमाम इंडिविजुअल स्टॉक्स की गिरावट कहीं ज्यादा रही है और यह 30-66 फीसदी तक फिसल गए हैं। जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर अपना मिलिटरी ऑपरेशन शुरु किया उसी दिन से निवेशक बाजार से बेरूखी दिखाते नजर आए। निवेशक इस समय इसी जोखिम से बचना चाहते हैं। सामान्य तौर पर बाजार को तेजी के लिए कंपनियों के अच्छे प्रदर्शन और इकोनॉमी ग्रोथ की जरुरत होती है लेकिन इस लड़ाई में बाजार में जोखिम बढ़ा दिया है।
भाव 13 साल के हाइएस्ट लेवल पर
रूस-यूक्रेन की लड़ाई के कारण कच्चे तेल के भाव 13 साल के हाइएस्ट लेवल पर पहुंच गए हैं। इसके अलावा तमाम मेटल्स के दाम अपने मल्टीईयर हाई या नए हाई पर पहुंच गए हैं। इससे महंगाई बढ़ने और कंपनियों की लागत बढ़ने का डर पैदा हो गया है।
कंपनियां अपनी उत्पादन लागत का कुछ ही हिस्सा उपभोक्ताओं को पास कर सकती हैं। इस बढ़े उत्पादन लागत का बड़ा हिस्सा कंपनियों को खुद ही बरदास्त करना होगा। जिसके चलते बाजार के ग्रोथ को लेकर डर पैदा हो गया है। देश के स्तर पर देखें तो कच्चे तेल की बढ़ती कीमत के कारण तमाम देशों का वित्तीय घाट और चालू खाते का घाटा बढ़ता नजर आ सकता है। इन सब की वजह से बाजार पर भारी दबाव देखने को मिल रहा है।
रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा नैचुरल गैस उत्पादक है। इसके अलावा रूस में तमाम तरह के मेटल का उत्पादन होता है जिसमें उसकी बड़ी बाजार हिस्सेदारी है।
सेंसेक्स और निफ्टी अपने हाई से करीब 16 फीसदी टूटे
बाजार के हालिया उथल-पुथल में सेंसेक्स और निफ्टी अपने हाई से करीब 16 फीसदी टूट चुके हैं। वहीं Nasdaq Composite,हॉगकॉग के Hang Seng,साउथ कोरिया के Kospi और जर्मनी के DAX बियर मार्केट्स जोन में प्रवेश कर चुके हैं क्योंकि यह सभी अपने ऑल टाईम हाई से 20 फीसदी से ज्यादा नीचे कारोबार कर रहे हैं।
जानिए इन स्टॉक्स पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय
Geojit Financial Services के वीके विजय कुमार का कहना है कि बाजार में भारी उतार-चढ़ाव जारी है। सभी कमोडिटी की कीमतों में भारी बढ़ोतरी, महंगाई में जोरदार तेजी की और संकेत कर रही है। हालांकि बाजार इस समय ओवरसोल्ड नजर आ रहा है फिर भी सेटिमेंट नेगेटिव बना हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि इस सब के बीच यूएस बॉन्ड यील्ड में गिरावट और यूएस फेड द्वारा उम्मीद से कम ब्याज दर में बढ़ोतरी की संभावना बाजार के लिए कुछ राहत देने वाली है।
गौरतलब है कि हाल की गिरावट में कुछ स्टॉक ऐसे रहे है जो सेंसेक्स-निफ्टी की तुलना में ज्यादा टूटे है। बीएसई 500 में शामिल सभी स्टॉक अपने ऑल टाईम की तुलना में नेगेटिव दायरे में है लेकिन यहां हमने अपने विश्लेषण में उन शेयरों को शामिल किया है जिन्होने 2021-22 में रिकॉर्ड हाई छुआ।
इस आधार पर देखें तो 306 स्टॉक ऐसे हैं जिन्होंने पिछले साल और वर्तमान साल में न्यू हाई बनाया है। इनमें से 295 स्टॉक ऐसे हैं जिनमें उनके रिकॉर्ड हाई से डबल डिजिट गिरावट देखने को मिली है और इसमें से भी 115 स्टॉक ऐसे रहे हैं जिनमें अपने रिकॉर्ड हाई से 30-66 फीसदी की गिरावट आई है।
यहां पर इन सारे स्टॉक्स के नाम देना थोड़ा मुश्किल है लेकिन हम उदाहरण के तौर पर इनमें से कुछ स्टॉक के नाम दे रहे हैं। जैसे Tata Teleservices (Maharashtra), Sequent Scientific, Vaibhav Global, Jubilant Pharmova, IndiaMART InterMESH, Indigo Paints, Hikal, Lux Industries, Jubilant Ingrevia, Aegis Logistics और Mahindra Logistics इन 306 शेयरों के टॉप लूजर हैं जिनमें अपने हाई से 50-66 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
इन स्टॉक्स में भारी करेक्शन को देखते हुए मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब इन शेयरों से क्वालिटी स्टॉक को चुनने का समय आ गया है। अब इनमें हमको धीरे-धीरे खरीदारी शुरु करनी चाहिए।
सैमको सिक्योरिटी की Yesha Shah का कहना है कि अब इन स्टॉक्स में सेलिक्टिव होकर खरीदारी शुरु की जा सकती है। वहीं वी के विजयकुमार का कहना है कि वर्तमान स्थितियों में आईटी, एनर्जी, मेटल और फार्मा में निवेश करना सबसे सुरक्षित रहेगा लेकिन जो लोग लंबे नजरिए से निवेश करना चाहते हैं वो लोग ऐसे स्टॉक में निवेश कर सकते हैं जो फंडामेंटली काफी मजबूत हों लेकिन हाल के दिनों में उनकी भारी पिटाई हुई है। इस कैटेगरी में आपको तमाम क्वालिटी फाइनेंशियल सेक्टर के स्टॉक मिल जाएंगे।