BharatPe के Ashneer Grover के छुट्टी पर जाने के पीछे की यह है पूरी कहानी
भले ही भारतपे के खराब वर्क कल्चर पर बीते दो साल से बात हो रही है, लेकिन ग्रोवर के नायका के आईपीओ का अलोकेशन नहीं मिलने पर कोटक महिंद्रा के एक कर्मचारी के लिए इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर बवाल मच गया
पिछले दो हफ्तों में भारतपे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर की किस्मत तेजी से बदली है
BharatPe co founder Ashneer Grover : 3 अरब डॉलर की वैल्यू वाली फिनटेक कंपनी भारतपे के एमडी अशनीर ग्रोवर ने कहा कि उन्होंने मार्च के अंत तक के लिए वॉलेंटरी लीव ले ली है। उन्होंने कोटक के एक कर्मचारी के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल, भारतपे के टॉक्सिक कल्चर और शार्क टैंक शो पर सख्त व्यवहार के चलते बढ़ती स्क्रूटनी और दबाव के बीच यह फैसला लिया है।
इनवेस्टर्स ने दिया जोर
हालांकि, पर्दे के पीछे इसकी मुख्य वजह भारतपे के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स- सिकोइया इंडिया, रिबिट कैपिटल, कोटयू मैनेजमेंट जैसे इनवेस्टर्स और एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार और यूनियन बैंक के पूर्व चेयरमैन केवल हांडा जैसे वरिष्ठ बैंकर्स की तरफ से सर्वसम्मति से ग्रोवर को छुट्टी की जरूरत होने पर जोर दिया जाना रहा। इस मामले से जुड़े लोगों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।
एक शख्स ने कहा, “बोर्ड उनको निकाले जाने के पक्ष में नहीं था और मीडिया में चल रही खबरों को शांत होने देना चाहता था। वे उन्हें सेटल होने और बदलने का समय देना चाहते थे। यह एक व्यक्तिगत मुद्दा है, न कि प्रोफेशन जिसके लिए उन्हें निकाल दिया जाए।”
ग्रोवर पर लगते रहे हैं आरोप
पिछले दो हफ्तों में ग्रोवर की किस्मत तेजी से बदली है। भारत के सबसे बेहतरीन स्टार्टअप्स में से एक के फाउंडर के रूप में पहचान हासिल करने ग्रोवर पर सोशल मीडिया पर और साथी इनवेस्टर्स और फाउंडर्स द्वारा भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की गलत बातों- लोगों से खराब व्यवहार, अस्थिर बिजनेसेस के लिए बड़े फंडिंग राउंड के लिए उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। ग्रोवर के स्टार्टअप भारत की वैल्यू 3 साल में 3 अरब डॉलर हो गई है।
नायका आईपीओ का एलोकेशन नहीं मिलने से नाराज थे अशनीर
भले ही भारतपे के खराब वर्क कल्चर पर बीते दो साल से बात हो रही है, लेकिन ग्रोवर को नायका के आईपीओ का अलोकेशन नहीं मिलने पर कोटक महिंद्रा के एक कर्मचारी के लिए इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर बवाल मच गया। ग्रोवर ने मूल रूप से लीक वीडियो में अपनी आवाज होने से इनकार किया, लेकिन कोटक के लीगल नोटिस के बाद इसे खारिज करना असंभव हो गया। बैंक ने उन पर “अनुचित भाषा इस्तेमाल” करने का आरोप लगाया था। एक शख्स ने कहा, “उनके कॉन्ट्रैक्ट में इस तरह के व्यक्तिगत कारणों को लेकर कोई क्लॉज नहीं है। आप आम तौर पर कोई क्रिमिनल मामला या फाइनेंशियल फ्रॉड या नैतिक रूप से गलत काम करने पर ही किसी को निकाल सकते हैं।”
शार्क टैंक शो पर भी किए तीखे कमेंट
ग्रोवर ने शार्क टैंक शो पर भी काफी तीखे और भद्दे कमेंट किए, जहां फाउंडर्स अपनी कंपनी की हिस्सेदारी बेचने और पैसा जुटाने के लिए ग्रोवर (शार्क्स) जैसे इनवेस्टर्स को लुभाते हैं। एक मामले में उन्होंने एक 8 महीने की गर्भवती महिला से कहा कि वह अपने बिजनेस को गंभीरता से नहीं ले रही हैं।
एक शख्स ने कहा, “इस मामले में वे इसे व्यक्तिगत मुद्दे के रूप में देखते हैं और इसलिए उन्हें निकालने के बजाय छुट्टी पर भेजने का फैसला किया गया। भले ही कोटक के साथ उनका विवाद पर्सनल नेचर का था, लेकिन ग्रोवर के रूखे व्यवहार का पहले से नाराज इनवेस्टर्स और सीनियर इम्प्लाइज ने विरोध किया, जिससे सीधे कंपनी प्रभावित हो रही है।”
सुहैल समीर देख रहे हैं डेली ऑपरेशन
2020 के आखिर में कंज्यूमर गुड्स वेटरन सुहैल समीर भारतपे से जुड़े और सीईओ बन गए थे। वह डेली ऑपरेशन देख रहे थे और ग्रोवर को फंडरेजिंग और बड़ी योजनाओं देखने का काम सौंप दिया गया था। समीर और ग्रोवर दोनों ही भारतपे के बोर्ड में बैठते हैं। समीर और भाविक कोलादिया रोज का काम देखते रहेंगे।
एक इनवेस्टर ने कहा, “जब उन्होंने सुहैल को सीईओ बनाया तो बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया था कि अशनीर कंपनी नहीं चलाएंगे। एमडी के रूप में उनका काम रिप्यूटेशन को मैनेज करना था। अब कोटक जैसी प्रतिष्ठित पार्टी के साथ विवाद की स्थिति में बोर्ड अशनीर के साथ रिश्ता रखने पर विचार कर सकता है। उन्हें सिर्फ उनके मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने के लिए वक्त की जरूरत होगी।”