एडटेक स्टार्टअप की Byju's पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think and Learn) के बोर्ड ने मौजूदा निवेशकों से 20 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए राइट्स इश्यू को मंजूरी दे दी। बायजू का राइट्स इश्यू 29 जनवरी को लॉन्च हुआ है और अगले 30 दिनों तक वैलिड रहेगा। यह फंड 22.5 करोड़ डॉलर की पोस्ट-मनी वैल्यूएशन पर जुटाया जा रहा है। यह वैल्यूएशन, स्टार्टअप के उस आखिरी फंडिंग राउंड से 99 प्रतिशत कम है, जो 22 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर हुआ था।
मामले की जानकारी रखने वालों का कहना है कि Byju's को उम्मीद है कि स्टार्टअप के फाउंडर बायजू रवींद्रन सहित अधिकांश मौजूदा निवेशक, राइट्स इश्यू में भाग लेंगे। इश्यू के लिए सब्सक्रिप्शन प्राइस मिनिमम रखा गया है ताकि सभी मौजूदा निवेशक भाग ले सकें। मौजूदा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राइट्स इश्यू के तहत प्राइस आम तौर पर किसी कंपनी की उचित मार्केट वैल्यूएशन से बहुत कम होता है। बायजू रवींद्रन ने शेयरधारकों को लेटर भेजकर राइट्स इश्यू से पैसे जुटाने के बोर्ड के फैसले के बारे में सूचना दी।
एक सूत्र के अनुसार, बायजू वित्त वर्ष 2023 का ऑडिट पूरा करने के बाद बोर्ड के पुनर्गठन की योजना बना रहा है। वर्तमान में स्टार्टअप के बोर्ड में बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं। रवींद्रन ने लेटर में कहा, ‘हमारा मानना है कि फंड रेजिंग कंपनी को रिबिल्ड और विस्तार के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराएगी। फंड का इस्तेमाल बिजनेस ऑपरेशंस जारी रखने, दायित्वों का प्रबंधन करने और कंपनी को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए किया जाएगा।’
गंभीर नकदी संकट से जूझ रहा स्टार्टअप
राइट्स इश्यू ऐसे वक्त पर आया है जब स्टार्टअप गंभीर नकदी संकट से जूझ रहा है। कहा जा रहा है कि बायजू रवींद्रन ने हजारों कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान करने के लिए अपने घर तक को गिरवी रख दिया है। वहीं कर्जदाताओं और वेंडर्स ने Byju's को बकाए का भुगतान न करने के चलते दिवालिया नियमों के तहत अदालत में घसीट लिया है।
फाउंडर्स ने पर्सनल फंड से लगाए 1.1 अरब डॉलर
लेटर में रवींद्रन ने यह भी खुलासा किया कि फाउंडर्स ने पिछले 18 महीनों में कंपनी में अपने व्यक्तिगत फंड से 1.1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने कंपनी के लिए बहुत बड़ा व्यक्तिगत बलिदान दिया है। हमने इस कंपनी को बनाने में अपनी जिंदगी दी है और हम इसके मिशन में पूरी तरह से विश्वास रखते हैं। हमारा उत्साह और जोश लगातार बना हुआ है।’
हाल ही में स्टार्टअप के खिलाफ विदेशी ऋणदाताओं ने भारत में दिवालिया याचिका (Insolvency Petition) दायर की है। इन लेंडर्स का कुल मिलाकर Byju's के 1.2 अरब डॉलर के टर्म लोन में 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। मामले की जानकारी रखने वालों ने बताया कि बैंकरप्सी पिटीशन नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु बेंच के समक्ष दायर की गई।