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Byju's News: अमेरिका छोड़कर तुरंत भागो, इस कारण बायजूज के फाउंडर ने सहयोगी को दी ये सलाह

Byjus News: अर्श से फर्श पर आ चुकी एडुटेक प्लेटफॉर्म बायजूज के फाउंडर बायूज रवींद्रन ने अपने एक सहयोगी को अमेरिका छोड़ने को कहा। हालांकि बायजू रवींद्रन ने पहली बार ऐसी कोशिश नहीं की थी बल्कि इससे पहले भी ऐसी कोशिश की थी। जानिए उन्होंने ऐसा क्यों किया और इसकी पोल कैसे खुली? बायजू रवींद्रन ने दुबई का टिकट भी भेजा था

अपडेटेड Nov 22, 2024 पर 8:59 AM
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Byjus News: दिग्गज एडुटेक प्लेटफॉर्म बायजूज के फाउंडर बायूज रवींद्रन ने अपने एक सहयोगी को अमेरिका छोड़ने को कहा ताकि वह गवाही देने से बच सकें। ये बातें नेब्रास्का के उस कारोबारी विलियम आर हेलर ने बताई जिसे बायजू रवींद्रन ने अमेरिका छोड़ने के लिए राजी करने की कोशिश की थी। उन्होंने ये बातें गवाही के तौर पर अदालत में कही। बायजू रवींद्रन ने पहली बार ऐसी कोशिश नहीं की थी। इस साल की शुरुआत में बैंकरप्सी जज ने बायजूज के एक कारोबारी सहयोगी को अदालत की अवमानना के आरोप में दोषी ठहराया था, क्योंकि वह गवाही देने से ठीक पहले अमेरिका से भाग गया था।

Byju Raveendran ने भेजा था दुबई का टिकट

विलियम ने बताया कि रवींद्रन ने उन्हें दुबई के लिए जहाज का एक टिकट उस गवाही से ठीक दो दिन पहले भेजा था जिसमें उन्हें उन्हें बायूज का नियंत्रण फिर से हासिल करने की कोशिशों के बारे में बताना था। बायजूज का कंट्रोल अभी अदालत की तरफ से नियुक्त ट्रस्टी के पास है। विलियम ने गुरुवार को टिकट भी दिखाया जिसकी कीमत करीब 10,700 डॉलर थी। बायजू रवींद्रन ने विलियम को दुबई आने और तुरंत काम शुरू करने का प्रस्ताव भी दिया था। उन्हें 5,00,000 डॉलर का वेतन भी ऑफर किया गया था। उन्होंने ये बातें डेलवेयर के विल्मिंगटन में बैंकरप्सी जज जॉन टी डोर्सी को सुनवाई के दौरान बताई। विलियम का आरोप है कि बायजू रवींद्रन ने उन्हें गवाही नहीं देने के लिए प्रोत्साहित किया था। उन्हें दुबई जाने और पहले ही दिन से सैलरी शुरू होने का ऑफर मिला था।


विलियम का कहना है कि बायजू रवींद्रन बायजूज पर फिर से नियंत्रण पाने की कोशिश में हैं। इसका मुख्यालय भारत में है और अमेरिका में कुछ कीमती एसेट्स हैं लेकिन यह अदालत की निगरानी में है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने से बायजूज की कानून में हेराफेरी के एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया गया। अब वह अमेरिकी अदालत में बायजूज के क्रेडिटर्स के लिए इसकी संपत्ति एपिक (Epic) को बेचकर पैसे जुटाने की कोशिश में लगी ट्रस्टी के पक्ष में गवाही देने वाले हैं।

डेलवेयर में अमेरिकी बैंकरप्सी कोर्ट के पास दाखिल याचिका के मुताबिक रवींद्रन ने पूर्व पॉलिटिकल कंसल्टैंट विलियम को काम पर रखा ताकि वह अमेरिकी क्रेडिटर्स के 120 करोड़ डॉलर के लोन को खरीदने की कोशिश कर सकें जिससे बायजू रवींद्रन उस कर्ज को एपिक के मालिकाना हक से बदल सकें। हालांकि यह प्लान फेल हो गया।

अब आगे क्या?

विलियम की गवाही के बाद बैंकरप्सी जज डोर्सी ने कहा कि विलियम की गवाही के बाद अदालत अब आरोपों को फेडरल प्रॉसीक्यूटर्स के पास भेजने की जरूरत है। आमतौर पर जज अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट को एक पत्र भेजते हैं, जिसमें वे बताते हैं कि उन्हें क्यों लगता है कि कोई अपराध हुआ हो सकता है। इसके बाद फेडरल प्रॉसीक्यूटर्स यह तय करते हैं कि जांच करनी चाहिए या नहीं। इस मामले में बायजूज और बायजू रवींद्रन के वकील की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।

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First Published: Nov 22, 2024 8:59 AM

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