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अब नए मामले में फंसे Byju’s फाउंडर बायजू रवींद्रन, ​छिपाए गए लोन के पैसों से कर रहे थे एजुकेशन सॉफ्टवेयर फर्म खरीदने की कोशिश

लेंडर्स एक साल से अधिक समय से अमेरिकी स्टेट और फेडरल कोर्ट्स में Byju’s के खिलाफ लड़ रहे हैं। लेंडर्स का दावा है कि रवींद्रन ने 53.3 करोड़ डॉलर की ऋण राशि छिपाई, जिसे लेनदारों को चुकाया जाना चाहिए था। भारत में Byju’s इनसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग्स का सामना कर रहा है। एक अदालत द्वारा नियुक्त प्रोफेशनल को लेंडर्स को चुकाने के लिए पैसे जुटाने का काम सौंपा गया है

अपडेटेड Nov 21, 2024 पर 9:27 AM
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बायजू रवींद्रन अपने डूबते हुए एडटेक एंपायर पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं।

एडटेक स्टार्टअप Byju’s के फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) पर एक नया आरोप लगा है। कहा जा रहा है कि उन्होंने कथित तौर पर अमेरिकी लेंडर्स से छिपाए गए लोन के पैसों का इस्तेमाल एक सॉफ्टवेयर कंपनी को सीक्रेट तरीके से वापस खरीदने के लिए करने की कोशिश की। इस कंपनी को अमेरिकी ट्रस्टी ने खरीद लिया था। रवींद्रन के खिलाफ यह आरोप एक नई कोर्ट फाइलिंग में सामने आया है। नेब्रास्का के बिजनेसमैन विलियम आर. हेलर की ओर से दायर एक कोर्ट डिक्लेरेशन के अनुसार, बायजू रवींद्रन अपने डूबते हुए एडटेक एंपायर पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डेलावेयर में US बैंकरप्सी कोर्ट में दायर की गई फाइलिंग के अनुसार, रवींद्रन ने कथित तौर पर हेलर को अमेरिकी क्रेडिटर्स से 1.2 अरब डॉलर से अधिक का लोन खरीदने के लिए हायर किया था। इसके बाद रवींद्रन उस कर्ज को एजुकेशन सॉफ्टवेयर फर्म Epic! को खरीदने के लिए स्वैप कर सकते थे। लेकिन आखिरकार यह प्लान फेल हो गया।

'पिछले कई महीनों से Byju’s ने बनाया मोहरा'


हेलर ने अपनी गवाही में लिखा, "पिछले कई महीनों से मुझे Byju’s के कानून के साथ छेड़छाड़ करने में मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।" हेलर गुरुवार को फेडरल कोर्ट में एक ट्रस्टी की ओर से गवाही देने के लिए तैयार हैं। यह ट्रस्टी Byju’s के लेनदारों के लिए पैसे जुटाने के लिए Epic! को बेचने की योजना बना रहा है। इन लेनदारों में अमेरिकी लेंडर्स भी शामिल हैं।

रवींद्रन ने लेंडर्स के आरोपों के पिछले जवाबों में गलत काम करने से इनकार किया है। उनका कहना है कि उनके कार्य उन लेनदारों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली अत्यधिक आक्रामक रणनीति का एक उचित जवाब थे, जो संकटग्रस्त कंपनियों से पैसे निचोड़ने में माहिर हैं।

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हेलर की कंपनी को रवींद्रन ने भेजे 1.12 करोड़ डॉलर

कहा जा रहा है कि गर्मियों के सीजन में जब हेलर ने लेंडर्स के साथ बातचीत शुरू की तो रवींद्रन ने हेलर द्वारा संचालित रोज लेक इंक नामक कंपनी को 1.12 करोड़ डॉलर भेजे। हेलर को लेंडर्स को यह साबित करने के लिए कैश का इस्तेमाल करना था कि उसके पास पर्याप्त पैसा है। हेलर ने कहा कि फिर यह पैसा रवींद्रन को वापस किया जाना था। हेलर की अदालती फाइलिंग के अनुसार, यह पैसा OCI Ltd. से आया था, जो यूके में इनकॉरपोरेटेड लॉजिस्टिक्स फर्म है। इसने सैकड़ों मिलियन डॉलर का कर्ज हासिल किया था, जिसे अमेरिकी ऋणदाता वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं।

Byju’s के पास पैसे होने का हेलर नहीं जुटा पाए सबूत

हेलर ने कहा कि उन्होंने इस बारे में सबूत जुटाने की कोशिश कि OCI अभी भी Byju’s की ओर से पैसा रख रही है, फिर भले ही रवींद्रन ने दावा किया है कि सारी नकदी खर्च हो चुकी है। लेकिन हेलर ऐसा कर पाने में नाकाम रहे। हेलर ने कहा कि कई महीनों तक वह रेगुलरली रवींद्रन और Byju’s के साम्राज्य में शामिल अन्य भारतीय कारोबारियों से बात करते रहे। हेलर ने कथित तौर पर Byju’s पर नियंत्रण हासिल करने की रवींद्रन की कोशिशों को सपोर्ट कर रहे निवेशकों से बातचीत के लिए दुबई में रवींद्रन के फैमिली होम का भी दौरा किया।

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Moneycontrol News

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First Published: Nov 21, 2024 9:21 AM

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