Credit Cards

BCCI सेटलमेंट पर NCLAT के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे Byju’s के अमेरिकी कर्जदाता

बायजूज का अमेरिकी कर्जदाता ग्लास ट्रस्ट NCLAT के ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। NCLAT ने अपने ऑर्डर में BCCI और एडुटेक फर्म बायजूज के सेटलमेंट को मंजूरी दी है। अपीलेट ट्राइब्यूनल के 2 अगस्त के इस फैसले के बाद बायजूज की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न को दिवालिया घोषित करने से जुड़ी कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है

अपडेटेड Aug 07, 2024 पर 4:27 PM
Story continues below Advertisement
अमेरिकी कर्जदाताओं ने BCCI के साथ Byju’s के सेटलमेंट पर ऐतराज जताया है।

बायजूज (Byju’s) का अमेरिकी कर्जदाता ग्लास ट्रस्ट नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) के ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। NCLAT ने अपने ऑर्डर में BCCI और एडुटेक फर्म बायजूज के सेटलमेंट को मंजूरी दी है। अपीलेट ट्राइब्यूनल के 2 अगस्त के इस फैसले के बाद बायजूज की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न को दिवालिया घोषित करने से जुड़ी कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है। साथ ही, कंपनी का नियंत्रण फिर से फाउंडर बायजू रवींद्रन को मिल गया है।

सूत्रों ने बताया, ' इस केस की सुनवाई इस हफ्ते के आखिर में या अगले हफ्ते के शुरू में हो सकती है।' ग्लास ट्रस्ट लेंडर्स के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव एजेंट है। कंपनी विदेशी कर्जदाताओं (फॉरेन लेंडर्स) का प्रतिनिधित्व करती है, जिनकी सामूहिक रूप से बायजूज के 1.2 अरब डॉलर टर्म लोन में 85 पर्सेंट हिस्सेदारी है। अमेरिकी लेंडर्स के इस संभावित कदम से बचाव के लिए बायजू रवींद्रन ने 3 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस पर सुनवाई की मांग की थी।

अमेरिकी कर्जदाताओं ने इस सेटलमेंट पर ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि बायजूज ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को जो 158 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है, वह गलत स्रोत से हासिल किया गया है। बायजू रवींद्र के भाई और कंपनी के शेयरहोल्डर रिजू रवींद्रन ने अपने पर्सनल फंड से बकाया राशि का भुगतान करने पर सहमति जताई है। रिजू का कहना है कि उन्होंने 2015 से 2022 के दौरान थिंक एंड लर्न के शेयरों की बिक्री के जरिेय यह रकम हासिल की है।


अमेरिकी कर्जदाताओं के वकील मुकुल रोहतगी का कहना था, ' रवींद्रन बंधुओं ने स्वेच्छा से अमेरिका में दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही शुरू की थी। रिकॉर्ड में कहीं भी नहीं दिख रहा है कि उनके पास पैसे हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि अमेरिका में आप डिफॉल्टर हैं और भारत आकर कहें कि मैं पैसे दूंगा।'

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।