देश में कार सर्विस सेंटर के सबसे बड़े नेटवर्क को ऑपरेट करने वाली कंपनी गोमैकेनिक (GoMechanic) में वित्तीय गड़बड़ियों की बात इसके फाउंडर्स रिषभ करवा और नितिन राणा ने भी स्वीकार कर ली। उनका मानना है कि किसी भी कीमत पर आगे बढ़ने की कोशिशों के चलते कई गलत फैसले ले लिए गए। गोमैकेनिक की इस नाकामयाबी से न सिर्फ स्टार्टअप के लिए बल्कि निवेशकों के लिए भी दिक्कतें खड़ी कर दी हैं। स्टार्टअप को मनचाहे वैल्यूएशन पर फंड जुटाने में दिक्कत हो सकती है तो निवेशक अब बिना पूरी जांच-पड़ताल किए निवेश से इनकार कर सकते हैं। कुल मिलाकर इंडियन स्टार्टअप के लिए आने वाला समय कठिन हो सकता है।
वैल्यूएशन को लेकर उठने लगे हैं सवाल
गोमैकेनिक पिछले साल 2022 में 120 करोडॉ डॉलर के वैल्यूएशन पर फंड जुटाने की कोशिश में थी। टाइगर ग्लोबल 100 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर निवेश को तैयार थी। हालांकि फिर बाद में रूस-यूक्रेन की लड़ाई और बढ़ती ब्याज दरों ने परिस्थितियां विपरीत कर दी और वैल्यूशन पर भी इसका असर पड़ा। हालांकि अब अर्न्स्ट एंड यंग की रिपोर्ट में गोमैकेनिक की वित्तीय गड़बड़ियों का खुलासा होने के बाद तो निवेशक पीछे हटने लगे।
वैल्यूएशन को लेकर दिक्कत सिर्फ गोमैकेनिक के साथ नहीं है। मामाअर्थ ब्रांड की कंपनी होनासा कंज्यूमर (Honasa Consumer) ने हाल ही में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया था और कंपनी ने 24 हजार करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर आईपीओ के लिए आवेदन किया था। चूंकि इस कंपनी का प्रॉफिट मुश्किल से दोहरे अंकों में है तो इस वैल्यूएशन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सुपरविजन के बिना अब टिके रहना मुश्किल
बिना किसी खास रेगुलेशन या सुपरविजन के लंबा सफर नहीं तय हो सकता है। इसे क्रिप्टोकरेंसी टेरा के उदाहरण से समझ सकते हैं कि जब तक मई 2021 में यह क्रैश हो गया और निवेशकों के पैसे हवा में घुल गए। अगर कोई नियामकीय बॉडी होती तो इस तरह की अनहोनी को पहले ही भांपा जा सकता था। ऐसे में स्टार्टअप के लिए भी कहा जा सकता है कि बिना किसी सुपरविजन के इसकी गड़बड़ियां पकड़ में नहीं आएगी और जब इसका खुलासा होगा तो स्टार्टअप और निवेशक सबकी दिक्कते बढ़ती हैं। कुल मिलाकर सारांश ये है कि अब स्टार्टअप मनमानी तरीके से अपना वैल्यूएशन नहीं कर पाएंगी। गोमैकेनिक के उदाहरण से निवेशक सचेत हो चुके हैं।
(डिस्क्लेमर: ये विचार लेखक के खुद के हैं। यह मनीकंट्रोल के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।)