किसी भी कीमत पर ग्रोथ की चाहत ने तेजी से चढ़ रहे एक स्टार्टअप को जमीन पर ला दिया है। देश में कार सर्विस सेंटर के सबसे बड़े नेटवर्क को ऑपरेट करने वाली स्टार्टअप GoMechanic के को-फाउंडर अमित भसीन ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में भी अपनी गलती स्वीकार की है। उन्होंने लिखा है कि किसी भी कीमत पर ग्रोथ के लिए फैसलों में गंभीर गलतियां हुई हैं। यह सिर्फ गोमैकेनिक के लिए नहीं बल्कि इसके सबसे बड़े निवेशक Sequoia Capital के लिए भी बड़ा झटका है क्योंकि पिछले साल 2022 में कॉरपोरेट गवर्नेंस में गड़बड़ियों के चलते तीन अहम स्टार्टअप BharatPe, Zilingo और Trell को झटका लगा था जिनमें सिकोइया कैपिटल ने निवेश किया था।
अब ताजा मामला गोमैकेनिक का है। यहां एक बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या प्राइवेट इक्विटी (PE) और वेंचर कैपिटल (VC) निवेशकों को जरा भी अंदाजा नहीं था कि उन्होंने जिन कंपनियों में पैसे लगाए हैं, उनमें चल क्या रहा है? इसे लेकर मनीकंट्रोल ने पिछले एक साल में गोमैकेनिक में होने वाली सभी घटनाओं की डिटेल्स खंगाली ताकि यह पता लगाया जा सके कि निवेशकों को इसमें होने वाली गड़बड़ियों के बारे में जानकारी क्यों नहीं हो पाई।
गोमैकेनिक में पिछले एक साल के ट्रैक रिकॉर्ड देखने को पहले यह जान लेते हैं कि इसमें क्या गड़बड़ी पाई गई है। मामला यह है कि गोमैकेनिक फंडिंग के सीरीज-डी राउंड में सॉफ्टबैंक के विजन फंड और मलेशिया के सोवरेन फंड Khazanah Nasional समेत अन्य निवेशकों से 7.5-8.0 करोड़ डॉलर का फंड जुटाने की तैयारी में थी। निवेश से पहले सॉफ्टबैंक ने एक ऑडिटिंग फर्म अर्न्स्ट एंड यंग (EY) को गोमैकेनिक के वित्तीय जांच का काम सौंपा।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ईवाई ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि गोमैकेनिक के 1 हजार से अधिक सर्विस सेंटर में कम से कम 60 ऐसे हैं जहां रेवेन्यू को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है और पैसों को इधर से उधर भेजने में भी गड़बड़ी पाई गई है। कुछ गैराज तो सिर्फ कागजों पर ही मिले। सॉफ्टबैंक और अन्य निवेशकों ने गोमैकेनिक में पैसे लगाने से हाथ खींच लिया और गोमैकेनिक के मौजूदा निवेशकों को गड़बड़ियों के बारे में सूचना भी भेज दिया। मौजूदा निवेशकों ने ईवाई को अब अलग से गोमैकेनिक की फोरेंसिक ऑडिट का काम सौंप दिया है। यह ऑडिटिंग अभी चल रही है और इसकी रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
क्यों नहीं आई गलती पकड़ में
गोमैकेनिक ने अपने खातों का ऑडिट कराया था, जिसके चलते निवेशकों का ध्यान इस पर नहीं गया कि बैलेंस शीट में कुछ हेरफेर हुआ है। हालांकि पहले दो साल में गोमैकेनिक की वित्तीय सेहत की ऑडिटिंग छोटी कंपनियों ने की थी। वित्त वर्ष 2020-21 में इसके खातों का PwC ने ऑडिट किया था और फिर अगले वित्त वर्ष में KPMG ने ऑडिट किया था। सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में गोमैकेनिक के बुक्स की ऑडिटिंग करने के लिए केपीएमजी के पास क्वालिफिकेशन नहीं थी।
कंपनी ने क्यों बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया रेवेन्यू
गोमैकेनिक यूनीकॉर्न बनने की कोशिश में थी। अब तक यह टाइगर ग्लोबल, सिकोइय़ा कैपिचल, हीरो मोटोकॉर्प के एमडी पवन मुंजर के फैमिली ट्रस्ट समेत अन्य निवेशखों से 6 करोड़ डॉलर जुटा चुकी है। आखिरी सबसे बड़ा फंडिंग राउंडर दिसंबर 2021 में था जब सीरीज सी फंडिंग राउंड में टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट और मौजूदा निवेशकों ने 4.2 करोड़ डॉलर निवेश किए थे। Tracxn के मुताबिक गोमैकेनिक की वैल्यू उस समय 28.5 करोड़ डॉलर आंकी गई थी। 2022 की शुरुआत में यूनीकॉर्न वैल्यूएशन पर फंड जुटाने की कोशिश कर रही थी और इसमें नए-पुराने सभी निवेशक पैसे लगाने को तैयार थे।
टाइगर ग्लोबल 100 करोडॉ डॉलर के वैल्यूएशन पर निवेश को तैयार थी लेकिन गोमैकेनिक 120 करोड़ डॉलर के लिए बातचीत कर रही थी। टाइगर ग्लोबल के साथ गोमैकेनिक सॉफ्टबैंक और अन्य निवेशकों से भी बातचीत कर रही थी। हालांकि सॉफ्टबैंक भी 80-90 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर ही ठहर जा रही थी। ये बातचीत जारी थी कि तभी बढ़ती महंगाई, रूस-यूक्रेन की लड़ाई और बढ़ती ब्याज दरों ने परिस्थितियां विपरीत कर दी जिसके चलते पूंजी महंगी हो गई। निवेशक अब वैल्यूएशन को लेकर सावधान हो गए। सॉफ्टबैंक अब 60-70 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर ही निवेश को तैयार थी।
गड़बड़ी सामने आने के बाद अब क्या होगा
सूत्रों के मुताबिक गोमैकेनिक के मामले में फाउंडर्स को जल्द से जल्द छुट्टी पर जाने को कहा जा सकता है। हालांकि यह सब कुछ अभी जारी जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद ही फाइनल होगा कि क्या करना है। रिपोर्ट सामने आने के बाद इनवेस्टर्स और लेंडर्स मिलकर फैसला करेंगे कि क्या करना है। इसमें फाउंडर्स को कंपनी छोड़ने के लिए कहा जा सकता है, कंपनी बंद हो सकती है।