इन दिनों कई कंपनियों की ओर से अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। इस बीच लेऑफ में एक और कंपनी का नाम शामिल हो गया है। जानकारी के मुताबित बेंगलुरु स्थित हेल्थटेक स्टार्टअप हेल्थीफाई ने अब अपने कर्मचारियों को निकाला है। ताजा जानकारी के मुताबिक कंपनी की ओर से करीब 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, जो कि उसके वर्कफोर्स का 27% है। सूत्रों ने बताया कि छंटनी का असर ज्यादातर सेल्स और प्रॉडक्ट टीमों के कर्मचारियों पर पड़ा।
हेल्थीफाई के को-फाउंडर और सीईओ तुषार वशिष्ठ ने छंटनी की पुष्टि करते हुए कहा कि रिस्ट्रक्चर की कवायद इसलिए की गई क्योंकि स्टार्टअप अपने भारतीय कारोबार EBITDA को लाभदायक बनाना और अमेरिकी बाजार में अपनी पेशकश का विस्तार करना चाहता है। इस बीच हेल्थीफाई ने बताया कि हम अपने प्रभावित कर्मचारियों पर इन परिवर्तनों के प्रभाव को गहराई से समझते हैं और इस दौरान उन्हें व्यापक सैपरेशन पैकेज, विस्तारित बीमा कवरेज और जॉब प्लेसमेंट सहायता सहित मजबूत सहायता प्रदान करेंगे।"
प्रभावित लोगों को मिली सैलरी
सूत्रों ने कहा कि प्रभावित कर्मचारियों को सैपरेशन सैलरी के रूप में 2 महीने का वेतन, विस्तारित बीमा कवरेज, कुछ मामलों में त्वरित स्टॉक निहित अवधि और कैश भुगतान की पेशकश की गई है। यह छंटनी हेल्थीफाई के जरिए लीपफ्रॉग इन्वेस्टमेंट्स और खोसला वेंचर्स के नेतृत्व में अपने प्री-सीरीज़ डी फंडिंग राउंड में 30 मिलियन डॉलर जुटाने के लगभग एक साल बाद हुई। इस दौर में नए निवेशकों फिनफंड, एक फिनिश विकास फाइनेंसर और एक डच निवेश फर्म वान लांसकोट केम्पेन की भागीदारी भी देखी गई।
दिसंबर 2021 में स्टार्टअप ने एसएमई, गुणवत्ता विश्लेषण, प्रॉडक्ट और मार्केटिंग समेत कई टीमों से लगभग 150 कर्मचारियों को निकाल दिया था। 2012 में कंपनी की स्थापना हुई थी। हेल्थीफाई ने अब तक लगभग 130 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है और इसके समर्थकों में सिस्टेमा एशिया कैपिटल, एथेरा वेंचर पार्टनर्स और इनोवेन कैपिटल शामिल हैं। स्टार्टअप UltraHuman, Cult.fit और one8 Fitness जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।