Get App

ऐप बिलिंग पॉलिसी विवाद के बीच भारतीय स्टार्टअप के फाउंडर्स ने कंपनियों को दी 'Google Tax' लगाने की सलाह

भारत की स्टार्टअप कंपनियों के फाउंडर्स ने अपने कंज्यूमर्स के लिए 'गूगल फी' या 'गूगल टैक्स' लगाने का सुझाव दिया है। प्ले स्टोर में लिस्टेड तकरीबन 10 भारतीय ऐप्स को गूगल (Google) द्वारा डीलिस्ट किए जाने के जवाब में यह प्रस्ताव पेश किया गया है। इससे पहले गूगल ने कहा था कि वह उन 10 भारतीय कंपनियों के ऐप्स पर कार्रवाई कर रही है, जिन्होंने लंबे समय तक कंपनी की ऐप बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 01, 2024 पर 11:16 PM
ऐप बिलिंग पॉलिसी विवाद के बीच भारतीय स्टार्टअप के फाउंडर्स ने कंपनियों को दी 'Google Tax' लगाने की सलाह
गूगल ने कहा था कि वह उन 10 भारतीय कंपनियों के ऐप्स पर कार्रवाई कर रही है, जिन्होंने लंबे समय तक कंपनी की ऐप बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं किया है।

भारत की स्टार्टअप कंपनियों के फाउंडर्स ने अपने कंज्यूमर्स के लिए 'गूगल फी' (Google Fee) या 'गूगल टैक्स' (Google Tax) लगाने का सुझाव दिया है। प्ले स्टोर में लिस्टेड तकरीबन 10 भारतीय ऐप्स को गूगल (Google) द्वारा डीलिस्ट किए जाने के जवाब में यह प्रस्ताव पेश किया गया है।

एक फाउंडर ने एक वाट्सऐप ग्रुप (WhatsApp group) में लिखा, ' हमें इस मामले में आम लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। अगर सभी भारतीय स्टार्टअप इस मामले को प्रमुखता से पेश कर गूगल फीस या गूगल टैक्स के तौर पर अतिरिक्त शुल्क लें, तो क्या होगा? इससे लोगों को भी चीजों के बारे में पता चलेगा और सरकार को भी इस मामले पर ध्यान देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।' इस वाट्सऐप ग्रुप में 400 से भी ज्यादा स्टार्टअप फाउंडर्स हैं।

गूगल ने 1 मार्च को कहा कि वह उन 10 भारतीय कंपनियों के ऐप्स पर कार्रवाई कर रही है, जिन्होंने लंबे समय तक कंपनी की ऐप बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं किया है। यह घटनाक्रम भारत में लोकल इंटरनेट कंपनियों और ग्लोबल टेक कंपनी के बीच चल रही खींचतान की हालिया कड़ी है। भारत मैट्रीमोनी, Shaadi.com, जॉब सर्च पोर्टल Naukri.com और रियल एस्टेट ऐप 99एकड़ (99acres) के अलावा ऑल्ट, स्टेज, अहा जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और कुछ अन्य ऐप्स गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से बाहर हो गए हैं।

गूगल की इस कार्रवाई पर इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) का कहना है कि इसने टेक्नोलॉजी कंपनी को सलाह दी है कि वह अपने ऐप मार्केटप्लेस Google Play से किसी ऐप को डीलिस्ट नहीं करे। इस एसोसिएशन के सदस्यों में टॉप इंटरनेट कंपनियां भी शामिल हैं। IAMAI के बयान में कहा गया है, 'इस फैसले से प्रभावित IAMAI के सदस्यों का मानना है कि इस मामले में बेहद अहम केस सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है, लिहाजा इस दौरान कोई जबरिया कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।'

सब समाचार

+ और भी पढ़ें