ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो (Meesho) ने बताया कि वित्त वर्ष 2023 में उसका ऑपरेशनल रेवेन्यू बढ़कर 5,735 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का रेवेन्यू 3,232 करोड़ रुपये था। संबंधित अवधि में कंपनी के मौजूदा ग्राहकों द्वारा इस प्लेटफॉर्म पर ट्रांजैक्शन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई और मॉनेटाइजेशन की कोशिशों का असर दिखा।
मीशो के रेवेन्यू में बढ़ोतरी के साथ-साथ कंपनी का नुकसान भी कम हुआ। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का नुकसान 49 पर्सेंट की गिरावट के साथ 1,675 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 3,251 करोड़ रुपये था। हालांकि, मीशो ने कंपनी मामलों के मंत्रालय को अब तक अपने नतीजों की जानकारी नहीं दी है।
बेंगलुरु की इस कंपनी के नुकसान में गिरावट की मुख्य वजह ग्राहक को हासिल करने की लागत में आई कमी है। साथ ही, सर्वर और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी मीशो का खर्च कम हुआ है। मीशो के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) धीरेश बंसल ने कुछ समय पहले मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को बताया था कि पिछले कुछ साल में ग्राहक को हासिल करने की लागत से जुड़ा कंपनी का खर्च कम हुआ है। दो साल पहले यह खर्च 250 रुपये था, वहीं अब यह घटकर 50-60 रुपये हो गया है।
मीशो ने अपनी क्लाउड कॉस्ट में भी कम से कम 50 पर्सेंट तक की कटौती की है। कंपनी द्वारा कॉस्ट में कटौती किए जाने के बाद उसकी वित्तीय हालत में सुधार देखने को मिला है। सितंबर 2021 में मीशो की वैल्यूएशन 4.9 अरब डॉलर थी और उस वक्त कंपनी ने 57 करोड़ डॉलर जुटाए थे।
इस साल अगस्त में अमेरिकी एसेट मैनेजमेंट कंपनी फिडेलिटी इनवेस्टमेंट्स (Fidelity Investments) ने इसका वैल्यूएशन 5 अरब डॉलर से थोड़ा ज्यादा तय किया था। हालांकि, सेकेंडरी राउंड के दौरान बेंगलुरु की इस कंपनी का वैल्यूएशन 3-3.5 अरब डॉलर तय किया गया था।
मीशो की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'वित्त वर्ष 2023 में हमने अपने लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल किया है।' कंपनी के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में भी कंपनी का शानदार प्रदर्शन जारी है।
वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में मीशो का ऑपरेशनल रेवेन्यू 3,521 करोड़ रुपये रहा, जबकि इस दौरान उसका नुकसान 141 करोड़ रुपये था। कंपनी के मुताबिक, संबंधित अवधि में कंपनी के रेवेन्यू में 37 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई और नुकसान 90 पर्सेंट तक घट गया।