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Fastest human calculator नीलकंठ भानु ने 22 की उम्र में शुरू किया था स्टार्टअप Bhanzu, अब 810 करोड़ रुपये पहुंच गई है वैल्यूएशन

Bhanzu के सीईओ ने कहा कि स्टूडेंट्स में मैथ्स को लेकर डर दूर करना उनके स्टार्टअप का मकसद है। उन्होंने 2020 में कोविड की महामारी शुरू होने के बाद अपना स्टार्टअप लॉन्च किया था

अपडेटेड Oct 06, 2022 पर 3:05 PM
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Bhanu ने माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड (MSO) के मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैंपियनशिप में इंडिया के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता था। उनके नाम पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हैं और 50 लिम्का रिकॉर्ड्स हैं।

आपने Neelakantha Bhanu का नाम सुना होगा। 2020 में उनका नाम सुर्खियों में था। उन्होंने माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड (MSO) के मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैंपियनशिप में इंडिया के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता था। उनके नाम पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हैं और 50 लिम्का रिकॉर्ड्स हैं। उनकी पहचान दुनिया के फास्टेस्ट ह्यूमल कैलकुलेटर के रूप में है।

हैदराबाद के भानु ने 22 साल की उम्र में मैथ लर्निंग का स्टार्टअप Bhanzu शुरू किया था, जिसकी वैल्यूएशन 10 करोड़ डॉलर (810 करोड़ रुपये) पहुंच गई है। भानु ने अपने स्टार्टअप और अपनी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से मनीकंट्रोल को बताया।

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Bhanzu के सीईओ ने कहा कि स्टूडेंट्स में मैथ्स को लेकर डर दूर करना उनके स्टार्टअप का मकसद है। उन्होंने 2020 में कोविड की महामारी शुरू होने के बाद अपना स्टार्टअप लॉन्च किया था। उन्होंने कहा कि मैं रोज स्कूल जाने वाला बच्चा था। पांच साल की उम्र में एक दुर्घटना की वजह से उन्हें एक साल तक बिस्तर पर रहना पड़ा। उन्होंने बताया कि दिमाग में चोट लगने की वजह से डॉक्टर्स ने मेरे पिता को मेरी मानसिक क्षमता बढ़ाने के उपाय करने की सलाह दी। फिर में पजल आदि सॉल्व करने लगा। इसमें मेरी दिलचस्पी बढ़ती गई।

भानु ने कहा कि मेरे पेरेंट्स ने मेरी दिलचस्पी को देखते हुए शतरंज सीखने के लिए भेज दिया। उस दौरान एक-दो अर्थमेटिक चैंपियनशिप हो रहे थे, जिसमें एक में मैंने हिस्सा लिया। मैं तीसरे पॉजिशन पर आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं फास्टेस्ट ह्यूमन कैलकुलेटर बन जाऊंगा। मैं चैंपियनशिप में हिस्सा लेता गया। फिर एक दिन यह उपलब्धि मुझे मिली। मेरा बचपन बहुत सामान्य रहा। मैं लगातार चैंपियनशिप जीत रहा था। फिर बाद में एक एजुकेटर बन गया। फिर, मैंने IIIT-हैदराबाद में पढ़ाई शुरू की। लेकिन, फिर छोड़ दी। दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज चला गया। वहां 17 साल की उम्र में मैंने पढ़ाने के साथ ही स्टेज शो करने शुरू किए।

यह पूछने पर कि आंत्रप्रेन्योर बनने का ख्याल कैसे आया, उन्होंने कहा कि मैं स्टेज शो करता था। खूब तालियां बजती थीं। लेकिन उसके बाद मैं सोचता था कि मैं क्यों यह सब करता हूं। दरअसल मैं दुनिया को मैथमेटिक्स के नजर से देखता हूं। यह जानते हुए कि यह ऐसा विषय जिसमें लोगों को काफी दिक्कत आती है, मैंने इसमें संभावनाएं तलाशनी शुरू की।

Banzu के सीईओ ने कहा कि दक्षिण कोरिया में 30,000 बच्चों के साथ एक बूटस्ट्रैप्ड प्रोग्राम किया। फिर, हमने यह समझ लिया कि बच्चों को मैथ्स में बेहतर बनाने का काम ठीक रहेगा। फिर, नवंबर 2020 में हमने Bhanzu की शुरुआत की। बच्चे लैंग्वेजेज से नहीं डरते हैं। वे मैथ्स से डरते हैं। अगर आप उनमें आत्मविश्वास पैदा करें तो वे आश्चर्यजनक चीजें कर सकते हैं।

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