Rahul Yadav Fiasco: स्टार्अप्स निवेशकों ने की कड़े जांच और फंड्स पर सख्त निगरानी की मांग

भारतीय स्टार्टअप्स इंडस्ट्री में कॉरपोरेट गवर्नेंस के लगातार आ रहे मामलों पर निवेशकों ने चिंता जताई है। उन्होंने स्टार्टअप्स के डॉक्यूमेंट्स की कड़ाई से जांच और फंडिंग के बाद उन पैसों पर निगरानी की एक व्यवस्था बनाने की मांग की है। ताकि कंपनियों की ग्रोथ सुनिश्चित हो सके और उनका अपने पोर्टफोलियो वाली कंपनियों पर बेहतर नियंत्रण हो

अपडेटेड Jun 05, 2023 पर 8:16 PM
Story continues below Advertisement
इंफोएज (Info Edge) ने राहुल यादव की प्रॉपर्टी-टेक स्टार्टअप 4बी नेटवर्क्स (4B Networks) करानी शुरू की है

भारतीय स्टार्टअप्स इंडस्ट्री में कॉरपोरेट गवर्नेंस के लगातार आ रहे मामलों पर निवेशकों ने चिंता जताई है। उन्होंने स्टार्टअप्स के डॉक्यूमेंट्स की कड़ाई से जांच और फंडिंग के बाद उन पैसों पर निगरानी की एक व्यवस्था बनाने की मांग की है। ताकि कंपनियों की ग्रोथ सुनिश्चित हो सके और उनका अपने पोर्टफोलियो वाली कंपनियों पर बेहतर नियंत्रण हो। उनकी तरफ से यह मांग ऐसे समय में आई है, जब हाल ही में इंफोएज (Info Edge) ने राहुल यादव की प्रॉपर्टी-टेक स्टार्टअप 4बी नेटवर्क्स (4B Networks) करानी शुरू की है। इसके अलावा 2022 की शुरुआत से अबतक भारतीय स्टार्टअप्स में कॉरपोरेट गवर्नेंस के 4 बड़े मामले आ चुके हैं। इसमें भारतपे (BharatPe), जिलिंगो (Zilingo), ट्रेल (Trell) और गोमैकेनिक (GoMechanic) के उदाहरण शामिल हैं।

आंत्रप्रेन्योर्स के सम्मेलन "TiEcon मुंबई 2023" के 16वें संस्करण के दौरान चारों तरफ बस कथित कॉरपोरेट गवर्नेंस का मुद्दा ही छाया हुआ था। यह सम्मेलन बीते 2 जून को आयोजित हुआ था। फंडिंग की किल्लत के बीच पिछले साल की तरह इस साल भी फाउंडर्स ने आसमान छूते वैल्यूएशन की जगह वैल्यू बनाने और ग्रोथ के पीछे भागने की जगह कैश जेनरेट करने पर जोर दिया।

हालांकि इस दौरान उन्होंने डॉक्यूमेंट्स की जांच पड़ताल के अप्रभावी तरीकों को लेकर भी संकेत दिए। हैप्टिक (Haptik) के को-फाउंडर और एक प्रमुख एंजेल निवेशक आकृत वैश ने कहा कि इस तरह के चूक के मामले बढ़ने के पीछे 2021 में फंडिंग में आई भारी तेजी भी है, जब लोग बिना सोचे समझे निवेश कर रहे थे।


यह भी पढ़ें- Aakash IPO: बायजूस के बोर्ड ने Aakash का आईपीओ लाने की दी मंजूरी, अगले साल होगा लॉन्च

इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फंडिंग आने से, कई निवेशकों ने बिना उचित जांच-पड़ताल किए हुए लापरवाही के साथ सौदों पर हस्ताक्षर किए।

A91 Partners के जनरल पार्टनर्स अभय पांडे ने कहा, "चौतरफा कॉम्पिटीशन के बीच इनवेस्टमें डील जीतने की कोशिश में, कई निवेशकों निवेशकों ने कुछ बुनियादी तथ्यों की अनदेखी की जो उन्हें नहीं करनी चाहिए। बेहतर रिटर्न की उम्मीद में, कभी-कभी जानबूझकर भी कुछ चीजों को नजरअंदाज किया जाता है, जिसका आगे चलकर गलत नतीजा निकलता है।"

एक प्रमुख प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फर्म, 360 One Asset के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) समीर नाथ ने भी इस पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीनों के दौरान इनवेस्टमेंट फर्मों के बीच निवेश करने की होड़ मची हुई थी, इसके चलते कई चीजों को नजरअंदाज किया जाता था।

Moneycontrol News

Moneycontrol News

First Published: Jun 05, 2023 8:16 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।