तीन शहरों में Ola-Uber को टक्कर देने आई Rapido Cabs, सीईओ का दावा- बिलियन डॉलर कंपनी बनने से कुछ ही दूर

बाइक और ऑटो के लिए मशहूर रैपिडो (Rapido) ने मंगलवार 5 दिसंबर को कैब बिजनेस में एंट्री का ऐलान किया। 'रैपिडो कैब्स' (Rapido Cabs) के दम पर अब यह यूनिकॉर्न बनेगी। राइड सर्विसेज मुहैया कराने वाली दिग्गज कंपनी रैपिडो (Rapido) जल्द ही यूनिकॉर्न यानी बिलियन डॉलर कंपनी होने वाली है। जानिए कैसे यह ओला (Ola) -उबर (Uber) को टक्कर देगी?

अपडेटेड Dec 06, 2023 पर 9:14 AM
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रैपिडो कैब्स की सर्विसेज सबसे पहले दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद से शुरू की गई हैं। जल्द ही इसका विस्तार बाकी राज्यों में भी किया जाएगा।

बाइक और ऑटो के लिए मशहूर रैपिडो (Rapido) ने मंगलवार 5 दिसंबर को कैब बिजनेस में एंट्री का ऐलान किया। 'रैपिडो कैब्स' (Rapido Cabs) के दम पर अब यह यूनिकॉर्न बनेगी। राइड सर्विसेज मुहैया कराने वाली दिग्गज कंपनी रैपिडो (Rapido) जल्द ही यूनिकॉर्न यानी बिलियन डॉलर कंपनी होने वाली है। स्टार्टअप के को-फाउंडर और सीईओ पवन गुंटापल्ली (Pavan Guntupalli) ने ये बातें सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि रैपिडो ऑपरेशनली मुनाफे में है और जल्द ही इसका EBITDA भी मुनाफे में हो जाएगा। ऐसे में उन्होंने भरोसा जताया है कि आने वाले महीनों में यह यूनिकॉर्न बन जाएगी।

Rapido Cabs की इन शहरों से शुरुआत

रैपिडो कैब्स की सर्विसेज सबसे पहले दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद से शुरू की गई हैं। जल्द ही इसका विस्तार बाकी राज्यों में भी किया जाएगा। अभी रैपिडो का लक्ष्य अपने प्लेटफॉर्म पर 1 लाख कैब्स लाने की है। इस सेगमेंट की दिग्गज कंपनियों ओला (Ola) और उबर (Uber) से भिड़ंत को लेकर पवन का कहना है कि इस समय राइड सर्विेसज मुहैया कराने वाली ऐप इंडस्ट्री दिक्कतों से जूझ रही है। राइड्स के भाव बढ़ रहे हैं और ड्राइवरों की कमाई घट रही है जोकि पॉजिटिव संकेत नहीं हैं। पवन के मुताबिक मौजूदा कारोबारी मॉडल इस समस्या की जड़ हो सकती है।


अब अगर रैपिडो कैब्स के कारोबारी मॉडल की बात करें तो इसने खास प्रकार का SaaS आधारित मॉडल लॉन्च किया है। यह जीरो-कमीशन ट्रांसपैरेंट मॉडल है। कोई हिडेन प्राइस नहीं है। पवन ने उम्मीद जताई है कि जो ड्राइवर्स कई इश्यू के चलते ओला-उबर छोड़ चुके हैं, वे रैपिडो कैब्स ज्वाइन करेंगे। बाकी कंपनियां ड्राइवर पार्टनर्स से कमीशन लेती हैं तो रैपिडो सब्सक्रिप्शन फीस लेगी।

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दिल्ली सरकार के नियम के दायरे से बाहर है Rapido

हाल ही में दिल्ली सरकार ने दिल्ली मोटर वेईकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 लाया। इसके तहत दिल्ली देश का पहला राज्य हो गया जिसने 2030 तक सभी पैसेंजर, डिलीवरी सर्विस और ई-कॉमर्स एग्रीगेटर प्लेटफॉर्मों के लिए गाड़ियों के इलेक्ट्रिक करना अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत उन्हें अपनी 6 महीने के भीतर 10 फीसदी दोपहिया को, 25 फीसदी एक साल के भीतर, दो साल में 50 फीसदी, तीन साल में 75 फीसदी और चार साल में 100 फीसदी इलेक्ट्रिक कर देना है। हालांकि इस नियम को लेकर रैपिडो के सीईओ का कहना है कि यह इस पॉलिसी के तहत नही आएगा क्योंकि यह एक SaaS प्लेटफॉर्म है।

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First Published: Dec 06, 2023 9:08 AM

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