ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी (Swiggy) ने अब ग्राहकों से हर ऑर्डर पर 'प्लेटफॉर्म फीस (Platform Fee)' के तौर पर 2 रुपयेलेना शुरू किया है। कंपनी ने यह कदम अपनी आमदनी को बढ़ाने और बढ़ती लागत को कम करने के लिए लिया है। इस अतिरिक्त चार्ज को शुरुआत में बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों के यूजर्स के लिए लॉन्च किया गया था। फिलहाल इसे सिर्फ फूड ऑर्डर पर लागू किया गया है और इंस्टामार्ट (Instamart) के जरिए ग्रॉसरी के ऑर्डर पर अभी ये फीस नहीं लगेगा। Swiggy ने अभी दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में इस अतिरिक्त फीस को लागू नहीं किया है।
स्विगी के यूजर्स अभी तक फूड ऑर्डर करने पर डिलीवरी फीस और टैक्स चुकाते हैं। हालांकि अब उन्हें इसके साथ प्लेटफॉर्म फीस भी चुकाना होगा। खासबात यह है कि स्विगी वन (Swiggy One) के ग्राहकों को भी प्लेटफॉर्म फीस देना होगा।
देखने में 2 रुपये भले ही काफी कम लगता है, लेकिन इससे स्विगी के पास काफी बड़ी संख्या में रकम आ सकती है क्योंकि इसके प्लेटफॉर्म से हर दिन औसतन 15 लाख से भी अधिक ऑर्डर होते हैं। इस फीस को पिछले हफ्ते लागू किया गया था और जल्द ही इसे बाकी शहरों/इलाकों में भी लागू किया जा सकता है।
स्विगी खुद को मुनाफे में लाने के लिए जूझ रही है। फंडिंग की उपलब्धता भी पहले से कम हो गई है। ऐसे में स्विगी को इस कदम से अतिरिक्त आय हासिल करने में मदद मिल सकती है।
इस कदम के पीछे मुख्य कारण डिलीवरी बिजनेस की ग्रोथ में सुस्ती आना है। स्विगी के चीफ एग्जिक्यूटिव और को-फाउंडर श्रीहर्ष मजेटी ने एक कर्मचारियों को भेजे एक आंतरिक ईमेल में कहा, "स्विगी भी इससे अछूती नहीं है।" इसके साथ ही उन्होंने मेल में 380 नौकरियों की कटौती का भी ऐलान किया है।
उन्होंने मेल में कहा, "फूड डिलीवरी बिजनेस की ग्रोथ (दुनिया भर में हमारी समकक्ष कंपनियों के साथ) हमारे अनुमानों की तुलना में पहले ही धीमी हो गई है। हमारे पास मुश्किल समय का सामना करने के लिए पर्याप्त नकदी भंडार है, लेकिन हम इसे एक बैसाखी के रूप में नहीं देख सकते हैं। हमें लंबी अवधि तक खुद को बनाए रखने के लिए अपनी एफिशियंसी की पहचान जारी रखनी चाहिए।"