वेंचर कैपिटलिस्ट्स के लिए साल 2025 काफी फायदेमंद दिख रहा है। एथर एनर्जी, ब्लूस्टोन, अर्बन कंपनी, लेंसकार्ट, पाइन लैब्स और फिजिक्सवाला जैसे 7 स्टार्टअप्स के आईपीओ से उनकी जेब में 15,000 करोड़ रुपये आए हैं। यह पैसा उन्हें इन आईपीओ में ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के तहत अपनी हिस्सेदारी बेचने से मिला है।
वीसी इनवेस्टर्स की इन कंपनियों में अभी भी है हिस्सेदारी
शेयरों की लिस्टिंग के बाद इन कंपनियों की शेयरहोल्डिंग के डिस्क्लोजर्स से पता चला है कि इन इनवेस्टर्स की इन कंपनियों में अब भी हिस्सेदारी बची हुई है। इस हिस्सेदारी की वैल्यू 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इन इनवेस्टर्स ने इन कंपनियों में अभी अपनी पूरी हिस्सेदारी नहीं बेची है। इसका मतलब है कि उन्होंने ओएफएस में शेयरों को बेचकर जो मुनाफा कमाया है, उसका छह गुना मुनाफा कमाने का मौका अभी उनके पास बचा हुआ है।
ओएफएस में हिस्सेदारी बेचने से Peak XV को सबसे ज्यादा कमाई
सबसे ज्यादा कमाई करने वाले वीसी इनवेस्टर्स में Peak XV शामिल है। उसे Groww और Pine Labs में अपनी हिस्सेदारी बेचने से 2,091 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। अब भी उसके पास ग्रो, पाइन लैब्स और ब्लूस्टोन के 21,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर हैं। सॉफ्टबैंक को लेंसकार्ट में अपनी हिस्सेदारी बेचने से 1,026 करोड़ रुपये मिले हैं। अब भी उसके पास लेंसकार्ट के 9,500 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर हैं।
ग्रो और लेंसकार्ट में हिस्सेदारी बचने से सबसे ज्यादा कमाई
Tiger Global को एथर एनर्जी, ग्रो और अर्बन कंपनी में हिस्सेदारी बेचने से 834 करोड़ रुपये कमाई हुई है। अब भी उसके पास एथर और ग्रो के 6,300 करोड़ रुपये के शेयर हैं। Accel को ब्लूस्टोन और अर्बन कंपनी में हिस्सेदारी बेचने से 525 करोड़ रुपये मिले हैं। अब भी इन दोनों कंपनियों के 2,550 करोड़ रुपये के शेयर उसके पास हैं। वीसी इनवेस्टर्स को सबसे ज्यादा कमाई ग्रो और लेंसकार्ट में हिस्सेदारी बेचने से हुई है।
कमाई के लिहाज से 2021 के बाद यह साल सबसे शानदार
वीसी इनवेस्टर्स को हुई कमाई के लिहाज से यह साल 2021 के बाद सबसे शानदार है। 2021 में कुछ खास सेक्टर की कंपनियों के आईपीओ आए थे। लेकिन, इस साल कई सेक्टर की कंपनियों ने पूंजी जुटाने के लिए आईपीओ बाजार के रास्ते का इस्तेमाल किया है। इनमें मोबिलिटी, ज्वैलरी, सर्विसेज, फिनटेक, कंज्यूमर इंटरनेट और एजुकेशन शामिल हैं। इससे न्यू-एज कंपनियों के बिजनेस में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी का पता चलता है।