फिनटेक कंपनी BharatPe ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी है कि, कंपनी ने कोफाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) को साल 2022 में सैलरी के तौर पर 1.69 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जबकि उनकी पत्नी और कंपनी की पूर्व हेड ऑफ कंट्रोल माधुरी जैन ग्रोवर को सैलरी के तौर पर 63 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
पूर्व सीईओ को दी गई 2 करोड़ से ज्यादा की सैलरी
भारत पे ने यह भी बताया कि कंपनी ने पूर्व सीईओ सुहैल समीर को वित्त वर्ष 2022 में सैलरी के तौर पर 2.1 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जबकि कंपनी के चेयरमैन और एसबीआई (SBI) के पूर्व अध्यक्ष रजनीश कुमार को 21.4 लाख रुपये की सैलरी दी गई थी। बता दें कि कंपनी के सीईओ समीर सुहैल ने इस महीने यानी जनवरी की शुरुआत में ही अपने सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान कंपनी के दूसरे प्रमुख मैनेजिंग कर्मचारियों को जैसे कि फाउंडर और बोर्ड मेंबर शाश्वत नाकरानी को 29.8 लाख रुपये की सैलरी दी गई थी। वहीं कंपनी के एक और बोर्ड मेंबर केवल हांडा को सैलरी के तौर पर 36 लाख रुपये दिए गए थे।
सैलरी में शामिल नहीं है शेयरों से होने वाली कमाई
कंपनी ने बताया है कि इन लोगों को दी गई इस सैलरी में शेयरों से होने वाली कमाई का हिस्सा शामिल नहीं है। कंपनी के वित्तीय आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि उसने साल 2022 में शेयर आधारित पेमेंट पर लगभग 70 करोड़ रुपये खर्च किए थे जो कि पिछले वित्तीय वर्ष से 218 फीसदी तक ज्यादा है।
अशनीर ग्रोवर ने लगाए हैं भारत पे पर आरोप
बता दें कि अशनीर ग्रोवर ने भारत पे के शीर्ष अधिकारियों को काम के बदले दिए जाने वाले 315 करोड़ के शेयरों (ESOPs) पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने बोर्ड के सदस्यों और निवेशकों को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि अधिकांश ईएसओपी कंपनी के चार प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों - अध्यक्ष रजनीश कुमार, संस्थापक शाश्वत नकरानी, पूर्व सीईओ सुहैल समीर और सामान्य वकील सुमीत सिंह को आवंटित किए गए थे।
भारत पे ने अश्नीर से मांगा है 88 करोड़ का हर्जाना
भारत पे के वित्त वर्ष 2022 में जारी किए गए फाइनेंशियल स्टेटमेंट में इसके ऑडिटर ने भी अपनी राय सामने रखी है। उन्होंने खराब इंटरनल कंट्रोल जैसी कमियों को उजागर किया है। जिस वजह से गलत बिल के चलते टैक्स अधिकारियों द्वारा इस कंपनी पर जुर्माना भी लगाया गया था। पिछले साल दायर एक मुकदमे में कंपनी ने इस तरह के कथित वित्तीय गबन के लिए ग्रोवर और उनके परिवार से 88 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। बता दें कि साल 2022 में कंपनी के ऑपरेशन से होने वाला रेवेन्यू 284 फीसदी बढ़कर 457 करोड़ रुपये का हो गया है जबकि इसका लॉस 3.5 गुना बढ़कर 5,610 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वहीं सैलरी में दिए जाने वाली कॉस्ट 116 फीसदी बढ़कर 110 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है और इसकी ऐड (विज्ञापन) कॉस्च 535 फीसदी बढ़कर 246 करोड़ रुपये हो गई है।