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Zepto 45-50 करोड़ रुपये की पूंजी जुटा रही है, वैल्यूएशन करीब 7 अरब डॉलर पहुंची

पिछले साल के मुकाबले Zepto की वैल्यूएशन 40 फीसदी बढ़ी है। पिछले साल कंपनी ने 5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर फंड जुटाए थे। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ज्यादा पैसा अपने मौजूदा निवेशकों General Catalyst और Avenir Growth से जुटा रही है

अपडेटेड Jul 09, 2025 पर 5:18 PM
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अभी जेप्टो में करीब 40 फीसदी इनवेस्टमेंट इंडियन इनवेस्टर्स का है।

जेप्टो 45-50 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने जा रही है। इस बारे में इनवेस्टर्स के साथ कंपनी की बातचीत अंतिम चरण में है। कंपनी मौजूदा इनवेस्टर्स से यह पैसा जुटा रही है। पिछले साल कंपनी ने 1.35 अरब डॉलर जुटाए थे। नई फंडिंग के लिए कंपनी की वैल्यूएशन 7 अरब डॉलर लगाई गई है। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी।

एक साल में वैल्यूएशन 40 फीसदी बढ़ी

पिछले साल के मुकाबले Zepto की वैल्यूएशन 40 फीसदी बढ़ी है। पिछले साल कंपनी ने 5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर फंड जुटाए थे। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ज्यादा पैसा अपने मौजूदा निवेशकों General Catalyst और Avenir Growth से जुटा रही है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया, "इस राउंड की फंडिंग में दो पुराने इनवेस्टर्स के अलावा एक या दो ऐसे इनवेस्टर्स भी इनवेस्ट कर सकते हैं जिनके पास पब्लिक मार्केट्स का स्पेशियलाइजेशन है।"


क्विक कॉमर्स मार्केट में बढ़ी प्रतिस्पर्धा

फंडिंग के इस राउंड के एक महीने के अंदर पूरा होने हो जाने की उम्मीद है। जेप्टो ने इस बारे में भेजे गए ईमेल के जवाब नहीं दिए। जेप्टो ऐसे वक्त इनवेस्टर्स से नई पूंजी जुटाने जा रही है जब क्विक कॉमर्स स्पेस में इसे कड़ी प्रतियोगिता मिल रही है। Blinkit और Swiggy से इसके कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। क्विक कॉमर्स स्पेस में BigBasket और Flipkart Minutes भी ताल ठोंक रही हैं। ये कंपनियां अपने मौजूदा ब्रांड का फायदा उठाना चाहती हैं।

हाल में मोतीलाल ओसवाल ने किया है निवेश

Zepto के को-फाउंडर औकर सीईओ आदित पालिचा भारतीय निवेशकों और फैमिली ऑफिसेज से पूंजी जुटाना चाहते हैं। साथ ही उनकी नजरें उन विदेशी निवेशकों पर भी हैं, जो इंडिया में तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स सेगमेंट पर दांव लगाना चाहते हैं। पिछले कुछ महीनों में मोतीलाल ओसवाल और कुछ दूसरे इनवेस्टर्स ने जेप्टो के शेयर खरीदे थे। इसकी खबर सबसे पहले मनीकंट्रोल ने दी थी। यह सौदा 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा का था।

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इंडियन इनवेस्टर्स की 40 फीसदी हिस्सेदारी

अभी जेप्टो में करीब 40 फीसदी इनवेस्टमेंट इंडियन इनवेस्टर्स का है। इनमें रंजन पई की Calypond Capital और मोतीलाल सहित कुछ दूसरे इनवेस्टर्स शामिल हैं। लेकिन, फंडिंग का नया राउंड पूरा होने पर कंपनी में इंडियन इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी घटकर 35 फीसदी रह जाएगी। हालांकि, जेप्टो को भरोसा है कि आईपीओ पेश करने तक इसमें इंडियन इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी काफी ज्यादा हो जाएगी।

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