टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अलग-अलग लोकेशन के 2,000 से अधिक कर्मचारियों को ट्रांसफर नोटिस भेजा है। इन कर्मचारियों को 15 दिनों के भीतर तय लोकेशन पर ज्वाइन करने के लिए कहा गया है। आईटी एम्प्लॉई यूनियन नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने यह जानकारी दी। करीब एक महीने पहले ही कंपनी ने कर्मचारियों के लिए सप्ताह में पांच दिन ऑफिस से काम करना अनिवार्य किया है। कर्मचारियों को भेजे गए कुछ ईमेल के अनुसार उन्हें तय लोकेशन पर जाने के लिए लगभग दो हफ्ते का नोटिस दिया गया है।
कंपनी की लागू नीतियों के आधार पर कर्मचारियों को ट्रैवल और अकोमोडेशन कॉस्ट का भुगतान किया जाएगा। कर्मचारियों को ये ईमेल अगस्त के अंत से मिलना शुरू हुआ। इसका पालन करने में विफल रहने पर कर्मचारियों को "अनुशासनात्मक कार्रवाई की शुरूआत" का सामना करना पड़ेगा।
कर्मचारियों का ये है तर्क
कम से कम 180 नाराज कर्मचारियों ने NITES को शिकायतें भेजी हैं। उनका कहना है कि कंपनी उन्हें "उचित सूचना या परामर्श के बिना ट्रांसफर के लिए मजबूर कर रही है, जिससे उन्हें और उनके परिवारों के लिए भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।" IT यूनियन ने अब अनइथिकल ट्रांसफर प्रैक्टिसेज के लिए टीसीएस के खिलाफ श्रम और रोजगार मंत्रालय में फॉर्मल कंप्लेंट दर्ज की है।
NITES के प्रेसिडेंट का बयान
NITES के प्रेसिडेंट हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा, “कंपनी उन सभी वित्तीय कठिनाइयों, पारिवारिक दिक्कतों, तनाव और चिंता को नजरअंदाज कर रही है जो इन जबरन तबादलों के कारण कर्मचारियों को होती हैं। टीसीएस अपने कर्मचारियों को अनावश्यक कठिनाई में डाल रही है और उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। हमने श्रम और रोजगार मंत्रालय से टीसीएस के कार्यों की जांच करने और आईटी कर्मचारियों को ऐसी अनैतिक चीजों से बचाने के लिए उचित उपाय करने का आग्रह किया है।"
सलूजा ने मनीकंट्रोल को बताया कि जहां कुछ कर्मचारी सहमत हो गए हैं और पहले से ही तय लोकेशन पर चले गए हैं, वहीं लगभग 150-200 कर्मचारी अभी भी झिझक रहे हैं और अपनी चिंताओं के बारे में कंपनी के HR अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।
नाम न छापने की शर्त पर एक टीसीएस अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया कि यह केस-टू-केस आधार पर किया जाने वाला एक रूटीन मोमेंट है, क्योंकि कंपनी सौंपे गए प्रोजेक्ट के आधार पर जरूरी कर्मचारियों को कुछ लोकेशन पर जाने के लिए कहती है।
एग्जीक्यूटिव ने कहा, "यह खास तौर पर उन फ्रेशर्स के लिए लागू है, जिन्हें अलग-अलग लोकेशन पर ट्रेन किया गया है, लेकिन अब उन्हें एक्चुअल प्रोजेक्ट्स पर तैनात किया जा रहा है।" हालांकि, कंपनी ने मनीकंट्रोल द्वारा ईमेल पर पूछे गए सवालों पर टिप्पणी से इनकार कर दिया।