एनर्जी सेक्टर की कंपनी टाटा पावर (Tata Power) अगले तीन सालों में 60,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जिसका आधा हिस्सा रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में लगाया जाएगा। कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रवीर सिन्हा ने आज मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने संवाददाताओं के साथ बातचीत में यह जानकारी देते हुए कहा कि इस अवधि में कंपनी कोयला पर आधारित किसी नए प्लांट को नहीं जोड़ेगी।
वित्त वर्ष 24 में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश
सिन्हा ने कहा कि टाटा पावर वित्त वर्ष 2023-24 में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर करीब 20,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। इसके बाद वित्त वर्ष 2025-26 में 22,000 करोड़ रुपये और 2026-27 में 23,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है। इस तरह अगले तीन वित्त वर्षों में टाटा पावर का कुल कैपिटल एक्सपेंडिचर 60,000 करोड़ रुपये से अधिक रहेगा।
सिन्हा ने कहा कि 13000 करोड़ रुपये के निवेश से 2,800 मेगावाट की दो जल-विद्युत पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (PSP) स्थापित करने की पिछली घोषणा के साथ ही कंपनी ने 9,000 मेगावाट क्षमता वाली ऐसी तीन अन्य प्रोजेक्ट्स भी चिह्नित की हैं। ये प्रोजेक्ट्स महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पोटलपली, कटालधारा और नेनावली में मौजूद हैं।
इसके साथ ही कंपनी ने भिवपुरी और शिरवटा स्थित दो PSP से पैदा होने वाली बिजली के लिए कोई खरीद समझौता नहीं किया है। उन्होंने इन प्रोजेक्ट्स को सोलर और विंड एनर्जी कैपिसिटी से जोड़ने के भी संकेत दिए।