घाटे में चल रही तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2023-24 में वित्त मंत्रालय इन आम बीमा कंपनियों को अपना स्वास्थ्य सुधारने के लिए अतिरिक्त 3 हजार करोड़ रुपये का निवेश देने की योजना बना रही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी प्राप्त हुई है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इन तीनों बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ( National Insurance Company Limited-NICL), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (Oriental Insurance Company Limited- OICL) और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company-UIIC) को अपना सॉल्वेंसी रेश्यो सुधारने और 150 फीसदी की नियामकीय जरूरतों को पूरा करने को कहा है।
सॉल्वेंसी रेश्यो का क्या है मसला
सॉल्वेंसी रेश्यो से यह पता चलता है कि कोई कंपनी अपनी लॉन्ग टर्म देनदारियों से निपटने में कितनी सक्षम है। यह अधिक है तो अच्छा माना जाता है और इससे पता चलता है कि कंपनी न सिर्फ अपनी देनदारियों से निपट लेगी बल्कि ग्रोथ की योजनाएं भी साकार कर सकेगी। वित्त वर्ष 2021-22 में न्यू इंडिया एश्योरेंस को छोड़कर तीनों सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के सॉल्वेंसी रेश्यो 150 फीसदी से नीचे रहे। नेशनल इंश्योरेंस के लिए यह 63 फीसदी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के लिए 15 फीसदी और यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी के लिए 51 फीसदी रहा।
पहले भी सरकार इन बीमा कंपनियों को दे चुकी है पैसे
इससे पहले वित्त वर्ष 2022 में सरकार ने इन तीनों बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को 5 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए थे। इसमें से सबसे अधिक पैसे नेशनल इंश्योरेंस को मिले थे। इसे 3700 करोड़ रुपये मिले थे। इसका मुख्यालय कोलकाता में स्थित है। इसके अलावा दिल्ली के ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को 1200 करोड़ और चेन्नई को यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को 100 करोड़ रुपये मिले थे। इससे पहले 2019-20 में इन्हें 2500 करोड़ रुपये और फिर 2020-21 में 9950 करोड़ रुपये दिए गए थे।