Trump Tariffs Exemptions: अमेरिका ने टैरिफ रेट का ऐलान कर दिया। इसके अलावा एक लिस्ट ऐसी भी जारी हुई है जिसमें वे कमोडिटीज शामिल हैं, जिन्हें अभी इस टैरिफ की आंच से दूर रखा गया है। यह लिस्ट भारत के लिए काफी अच्छी खबर है क्योंकि फार्मा सेक्टर को फिलहाल अस्थायी तौर पर इस टैरिफ से दूर रखा गया है। अमेरिका से फार्मा इंपोर्ट पर भारत अभी 10 फीसदी की दर से टैरिफ लगाता है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका यहां से खरीदारी पर कोई शुल्क नहीं लगाता है और अभी भी यह रुझान बना हुआ है।
टैरिफ लिस्ट से कौन-कौन सी चीजें बाहर?
व्हाइट हाउस ने रोज गार्डेन सेरेमनी के बाद अपने बयान में कहा कि 5 अप्रैल से जो टैरिफ लगेगा, उससे कुछ कमोडिटीज को बाहर रखा गया है। इसमें फार्मा प्रोडक्ट्स के अलावा सेमीकंडक्टर्स यानी चिप, लकड़ी के सामान, तांबा और सोना शामिल हैं। इस सूची में एनर्जी और ऐसे कुछ मिनरल्स भी हैं जो अमेरिका में उपलब्ध नहीं है। व्हाइट हाउस ने यह भी कहा कि एलुमिनियम और स्टील के साथ ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स को भी इससे बाहर रखा गया है क्योंकि इन पर पहले ही सेक्शन 232 के तहत ड्यूटी लग रही है।
फार्मा प्रोडक्ट्स का लिस्ट से बाहर होना भारत के लिए कितना फायदेमंद
अमेरिका ने भारत समेत बाकी देशों पर टैरिफ रेट का खुलासा कर दिया है। हालांकि पहले रेसिप्रोकल टैरिफ यानी कोई देश जितना टैरिफ अमेरिका पर लगा रहा है, उतना ही अमेरिका भी लगाने वाला था लेकिन अब अमेरिका ने डिस्काउंटेड टैरिफ लगाया है यानी कि कोई देश जितना टैरिफ लगा रहा है, उसकी तुलना में करीब आधे दर पर उस पर टैरिफ लगाया है। अब भारत इसके असर का फिलहाल मूल्यांकन कर रहा है लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक फार्मा सेक्टर को बड़ी राहत मिली है। ट्रेड के हिसाब से अमेरिका से भारत करीब 80 करोड़ डॉलर के फार्मा प्रोडक्ट्स मंगाता है तो 870 करोड़ डॉलर का निर्यात करता है। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को भी बड़ा फायदा मिल सकता है क्योंकि वियतनाम जैसे देशों पर भारी ड्यूटी से कारोबार में बदलाव हो सकता है।