Trump Tariffs: उभरते बाजारों में निवेश करने वाले दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस का कहना है कि अमेरिका और भारत के बीच जल्द ही टैरिफ पर किसी समझौते पर पहुंचने की उम्मीद है और स्थिति आने वाले कुछ हफ्तों में शांत हो जाएगी। उन्होंने ये बातें सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत पर अपनी नाराजगी निकाल रहे हैं क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई अभी तक चल रही है। मार्क मोबियस का कहना है कि इस मोर्चे पर भारत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की उम्मीद टूटने वाली है क्योंकि रूस से तेल की खरीदारी को भारत छोड़ना नहीं चाहता है।
पीएम मोदी के चीन दौरे से अमेरिका आएगा भारत के करीब?
मार्क मोबियस का कहना है कि पीएम मोदी ने हाल ही में एससीओ (शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गेनाइजेशन) समिट को लेकर चीन का दौरा किया और इससे उम्मीद है कि ट्रंप समझौते की तरफ बढ़ेंगे क्योंकि अमेरिका के लिए भारत अहम साझीदार है। चीन के दौरे पर पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत और चीन के बीच संबंधों के कई पहलुओं पर चर्चा की जो हालिया वर्षों में टकराव के बाद सुलह का संकेत है। पीएम मोदी ने इस दौरे पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बातचीत की।
Trump Tariffs: कौन-कौन से सेक्टर होंगे प्रभावित
अमेरिकी टैरिफ के असर को लेकर मार्क मोबियस का कहना है कि भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ से भारत में उन सेक्टर पर अधिक असर होगा, जिनमें कामगारों की संख्या अधिक है जैसे कि ज्वैलरी, जेम्स, कपड़े इत्यादि सेक्टर। मार्क मोबियस का मानना है कि हाई क्लास के जॉब की तुलना में लेबर क्लास के जॉब पर अमेरिकी टैरिफ का अधिक असर होगा तो उम्मीद है कि सरकार इस समस्या को कम करने के लिए कुछ कर सकती है। अभी फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का निर्यात ट्रंप के लेटेस्ट टैरिफ से फ्री है।
भारतीय जीडीपी पर ट्रंप के टैरिफ के असर को लेकर मार्क मोबियस का मानना है कि जीडीपी पर इसका आधा फीसदी या अधिक से अधिक एक फीसदी असर दिख सकता है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर इसका भारत की ग्रोथ या भारतीय बाजार की सेहत पर इतना बड़ा प्रभाव नहीं होगा। मार्क मोबियस का कहना है कि अमेरिकी घाटा कम होगा, अमेरिकी डॉलर बढ़ेगा, और साथ ही एआई ऑटोमेशन और चिप मैन्युफैक्चरिंग के दम पर टेक्नोलॉजी ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।