फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर 54 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंक पर यह जुर्माना संदिग्ध ट्रांजैक्शंस के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं कराने और मुंबई की अपनी शाखाओं से जुड़े कुछ खातों के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत ड्यू डिलिजेंस नहीं करने के मामले में लगाया गया है। फेडरल एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के सेक्शन 13 के तहत 1 अक्टूबर को पेनाल्टी नोटिस भेजा था।
एजेंसी ने कहा कि बैंक की लिखित एवं मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद उसके खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया। फाइनेंशिय इंटेलिजेंस यूनिट ने इस मामले की जांच के दौरान बैंक के ऑपरेशन की 'व्यापक समीक्षा' में अपने ग्राहक को जानें (KYC) और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) से संबंधित कुछ 'अनियमितताएं' पाई गईं।
इस सिलसिले में मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुंबई स्थित हिल रोड शाखा के कुछ खास चालू खातों की स्वतंत्र जांच से पता चला है कि एक एनबीएफसी और उससे जुड़ी इकाइयों के खाते में सामान्य नियंत्रण वाली इकाइयों के जरिये बड़े पैमाने पर पैसे भेजे जा रहे थे। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने पाया कि एक ही रजिस्टर्ड पते और समान लाभकारी मालिकों वाली संस्थाओं से जुड़ी कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। एजेंसी ने कहा कि बैंक द्वारा इन खातों की की जांच अपर्याप्त थी, क्योंकि सिर्फ एक संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) दायर की गई थी जबकि संबंधित खाते में लेनदेन की अधिक राशि और कई अलर्ट जारी किए गए थे।
FIU ने बताया कि बैंक की निगरानी के बारे में चिंताएं पैदा होने के बाद उसे एक नोटिस जारी किया गया और उसका जवाब आने के बाद यह कार्रवाई की गई। बैंक पर 54 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।