Vedanta News: वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का मानना है कि कॉपर का भविष्य काफी शानदार दिख रहा है। इसे नया सुपर मेटल माना जाता है। उन्होंने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड प्रोड्यूसर बैरिक गोल्ड (Barrick Gold) के नाम में बदलाव का जिक्र किया जो अब सिर्फ बैरिक है। उन्होंने कहा कि देश के आंत्रप्रेन्योर्स और इंवेस्टर्स के लिए कॉपर शानदार मौका बना रहा है। उन्होंने आज 18 अप्रैल को X (पूर्व नाम Twitter) पर कहा कि भारत के पास अहम और ट्रांजिशन मेटल्स में अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में अनिल अग्रवाल ने इसे मिशन बनाने का आग्रह किया है।
Barrick Gold के नाम में बदलाव का क्या है मतलब?
अनिल अग्रवाल के मुताबिक बैरिक गोल्ड अपना नाम इसलिए बदल रहा है क्योंकि उसे तांबे में भविष्य दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर तांबे की खदानों को फिर से शुरू किया जा रहा है और नए स्मेल्टर बनाए जा रहे हैं। कनाडा की कंपनी बैरिक गोल्ड का न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में टिकर अभी ‘गोल्ड’ है। चूंकि अब यह अपना फोकस तांबे की ओर मोड़ना चाहती है तो इसने बैरिक माइनिंग कॉर्प का नया नाम प्रस्तावित किया है। बैरिक पाकिस्तान में एक तांबे की एक बड़ी खदान बनाने के लिए 6 अरब डॉलर का निवेश कर रही है। कंपनी का लक्ष्य इसे वर्ष 2028 में शुरू करने का है और कम से कम चालीस वर्षों तक चालू रह सकता है। इसके अलावा कंपनी जाम्बिया में स्थित खदान का भी विस्तार कर रही है और ऐसा होने पर यह दुनिया की सबसे बड़ी खदानों में से एक बन सकती है।
Copper क्यों है इतना अहम?
वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का कहना है कि कॉपर नया सुपर मेटल है जिसका हर एडवांस टेक्नोलॉजी में भारी इस्तेमाल किया जा रहा है, चाहे वह इलेक्ट्रिक वेईकल (ईवी) हो, रिन्यूएूल एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर हो, एआई हो या डिफेंस इक्विपमेंट। पिछले साल न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने खुलासा किया था कि कंपनी सऊदी अरब में कॉपर-प्रोसेसिंग फैसिलिटी बनाने के लिए 2 अरब डॉलर के निवेश की योजना बना रही है।