वेदांता की वित्तीय सेहत कैसी है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि यह अपने कर्जों को पूरा चुकाने की स्थिति में है। वेदांता (Vedanta) के प्रमुख अनिल अग्रवाल का दावा है कि ग्रुप के पास इतना कैश फ्लो है कि यह अपने सभी देनदारियों को चुका सकता है और इसका लक्ष्य अगले दो से तीन साल में नेट जीरो डेट वाली कंपनी (Net Zero Debt Company) बनने की है। उन्होंने ये बातें वेदांता की कर्ज चुकाने की क्षमता पर उठे सवालों को लेकर कही। उनका कहना है कि इन सवालों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि अगले साल यह 3 हजार करोड़ डॉलर के रेवेन्यू के साथ 900 करोड़ डॉलर का मुनाफा बनाने वाली है जो सभी देनदारियों को लेकर पर्याप्त है।
यह सवाल इसलिए उठा क्योंकि अदाणी ग्रुप (Adani Group) पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था जिसके बाद से भारी कर्ज लेने वाले सभी ग्रुप की जांच शुरू होने लगी।
वेदांता रिसोर्सेज के फाउंडर और चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने एक न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि इसके साइज के बराबर ग्रुप में वेदांता दुनिया में सबसे कम कर्ज वाला ग्रुप है। उन्होंने कहा कि इस समय कंपनी पर करीब 1300 करोड़ डॉलर का कर्ज है और इस साल इसे 700 करोड़ डॉलर का मुनाफा हुआ है और अगले साल ग्रुप को 900 करोड़ डॉलर का मुनाफा होगा। उनका दावा है कि इसका कैश फ्लो इतना पर्याप्त है कि सभी कर्जों को निपटाया जा सके। वेदांता के मुताबिक कारोबार में अरबों डॉलर के निवेश के चलते ही इस पर कर्ज है। वेदांता ग्रुप ने देश में अब तक 3500 करोड़ डॉलर का निवेश किया हुआ है और अब 2030 तक इसका लक्ष्य 10 हजार करोड़ डॉलर की की कंपनी बनने की है।
लक्ष्य का 75% महज 14 महीने में ही पूरा
वेदांता के मालिक का कहना है कि कंपनी किसी भी पेमेंट को लेकर कभी डिफॉल्ट नहीं हुआ है। इस हफ्ते की शुरुआत में वेदांता की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज ने अप्रैल में ड्यू होने वाले सभी लोन और बॉन्ड्स का चुकता कर दिया। इसे चुकाने के बाद इसका कर्ज 100 करोड़ डॉलर और घट गया। वेदांता ने फरवरी 2022 में तीन साल के भीतर 400 करोड़ डॉलर कर्ज घटाने का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य का 75 फीसदी महज 14 महीने में ही हासिल हो गया है। वेदांता अब तक अपना 300 करोड़ डॉलर का कर्ज कम कर चुकी है।