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Voda Idea को मिलेगी राहत! एजीआर के इस प्रस्ताव पर तेजी से चल रहा काम

सरकार एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रही है जो अगर लागू हुआ तो पूरे टेलीकॉम सेक्टर को बहुत राहत मिलेगा। हालांकि सबसे अधिक राहत तो वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) को मिलेगी क्योकि फिलहाल यह बहुत भारी वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही है। इससे पहले दिसंबर 2024 में भी सरकार ने इसे बड़ी राहत दी और अब एक और बड़ा राहत मिल सकता है। जानिए पहले क्या राहत मिली थी और अब क्या प्रस्ताव है?

अपडेटेड Jan 18, 2025 पर 3:52 PM
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टेलीकॉम सेक्टर को सरकार एक और बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। दिसंबर 2024 में सरकार ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को पिछले स्पेक्ट्रम बकाए के लिए बैंक गारंटी की जरूरतों को माफ कर दिया था। अब यह एक और राहत प्रस्ताव पर विचार कर रही है।

टेलीकॉम सेक्टर को सरकार एक और बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। दिसंबर 2024 में सरकार ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को पिछले स्पेक्ट्रम बकाए के लिए बैंक गारंटी की जरूरतों को माफ कर दिया था। अब यह एक और राहत प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2019 के फैसले के बाद वोडा आइडिया और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों पर लगाए गए एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाए का एक बड़ा हिस्सा माफ किया जाएगा। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। ऐसा होने पर टेलीकॉम सेक्टर को वित्तीय तौर पर बड़ी राहत मिलेगी।

क्या है प्रस्ताव?

एक सीनियर टेलीकॉम एग्जेक्यूटिव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर को राहत देने के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री, टेलीकॉम डिपार्टमेंट और कैबिनेट सचिवालय चर्चा कर रहे हैं। राहत को लेकर कोई टाइमलाइन तय नहीं किया है लेकिन इस बात पर सभी राजी हैं कि एजीआर के मामले में टेलीकॉम कंपनियों को राहत दी जानी चाहिए। सूत्र ने बताया कि वोडा आइडिया समेत कई टेलीकॉम कंपनियों ने दूरसंचार विभाग के साथ कई बैठक में अपनी वित्तीय दिक्कतों के बारे में जानकारी दी थी।


सूत्र के मुताबिक प्रस्ताव में ब्याज का 50 फीसदी के साथ-साथ जुर्माना और जुर्माने पर पेनाल्टी को 100 फीसदी माफ करने की बात है। अगर ऐसा होता है तो टेलीकॉम ऑपरेटर्स से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राहत मिलेगी जिसमें से आधा फायदा तो वोडा आइडिया को मिलेगा। राहत मिलने के बाद वोडा आइडिया का एजीआर बकाया 52,000 करोड़ रुपये से अधिक घट सकता है, जबकि भारती एयरटेल का बकाया लगभग 38,000 करोड़ रुपये और टाटा टेलीसर्विसेज का बकाया करीब 14,000 करोड़ रुपये तक घट सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बढ़ी दिक्कतें

अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर की सरकारी परिभाषा को सही माना और इसके चलते टेलीकॉम कंपनियों पर 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया बना। इसमें 92,642 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क और 55,054 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम यूजेज चार्जेज थे। खास बात ये है कि इस बकाए का 75% हिस्सा ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज का था। सबसे बड़ी आफत में तो वोडाफोन आइडिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एजीआर बकाए को चुकाने का समय वित्त वर्ष 2026 से शुरू हो रहा है और इंडस्ट्री का अनुमान है कि वोडा आइडिया का एजीआर बकाया मार्च 2025 तक ₹80,000–₹85,000 करोड़ पहुंच सकता है। भारती एयरटेल के लिए यह आंकड़ा ₹42,000–₹44,000 करोड़ और टाटा टेलीसर्विसेज के लिए ₹17,000–₹19,000 करोड़ हो सकता है।

वोडा आइडिया के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने सितंबर 2024 में यह खुलासा किया था कि कंपनी ने एजीआर के फिर से कैलकुलेशन के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास एक क्यूरेटिव याचिका जो दायर की थी, उसके खारिज होने के बाद सरकार से ताजा बातचीत शुरू की गई है। दिसंबर 2024 में सरकार ने वोडा आइडिया पर वित्तीय दबाव को कम करते हुए पिछले स्पेक्ट्रम बकाए के लिए बैंक गारंटी की जरूरतों को माफ कर दिया, जिससे 24,800 करोड़ रुपये फ्री हो गए और लेंडर्स के लिए अतिरिक्त क्रेडिट देने के लिए जगह बनी।

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