वोडाफोन (Vodafone) और सीके हचिसन (CK Hutchison) ने आखिरकार यूके कारोबार के मर्जर का ऐलान कर दिया है। इस मर्जर को लेकर दोनों कंपनियों के बीच पिछले साल से बातचीत चल रही थी और अब वे इसे लेकर सहमत हो गए हैं। सीके हचिसन ब्रिटेन के थ्री यूके मोबाइल नेटवर्क की पेरेंट कंपनी है। इस डील के तहत वोडाफोन के पास कंबाइंड बिजनेस में 51 फीसदी और हचिसन के पास 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी। दोनों कंपनियों ने आज बुधवार को इसकी घोषणा की। रिपोर्ट के मुताबिक यह डील करीब 15 बिलियन पाउंड यानी 19 अरब डॉलर में हुई है। मर्जर की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि नए मार्केट लीडर के बनने से देश में प्रतिस्पर्धा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
वोडाफोन यूके के मालिक करेंगे कंबाइंड बिजनेस को लीड
इस डील के बाद कंबाइंड बिजनेस का नेतृत्व वर्तमान वोडाफोन यूके के मालिक अहमद एस्सम करेंगे। वहीं, हचिसन के थ्री यूके के फाइनेंस चीफ डैरेन पुर्किस नए ग्रुप में भी वही भूमिका निभाएंगे। सीके हचिसन के को-मैनेजिंग डायरेक्टर कैनिंग फॉक ने कहा कि साथ मिलकर हम यूके के लिए बेस्ट-इन-क्लास 5G नेटवर्क उपलब्ध कराएंगे। हमारा मकसद कस्टमर्स के लिए मोबाइल सर्विसेज को बदलना और पूरे यूके में बिजनेस के लिए नए अवसर खोलना है। दोनों ग्रुप ने कहा है कि वे 10 सालों में ब्रिटेन में 11 अरब पाउंड का निवेश करेंगे। वोडाफोन वर्तमान में ब्रिटेन का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटर है और चौथे स्थान पर हचिसन है।
ब्रिटेन का सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटर
इस डील को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। इस डील के बाद ब्रिटेन में यह सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटर होगा, जिसके करीब 2.7 करोड़ ग्राहक होंगे। इसके साथ ही यह कंबाइंड ग्रुप अब ग्राहकों के मामले में BT ग्रुप के EE और टेलीफ़ोनिका और लिबर्टी ग्लोबल के संयुक्त स्वामित्व वाले वर्जिन मीडिया O2 को पीछे छोड़ देगा। ये दोनों भी यूके की टेलीकॉम कंपनियां हैं। BT ने 2016 में EE का अधिग्रहण किया, जबकि टेलीफ़ोनिका और लिबर्टी ग्लोबल ने 2021 में Virgin Media O2 लॉन्च किया। इस डील के बाद देश में मोबाइल ऑपरेटरों की संख्या घटकर तीन रह जाएगी।
CMA के अप्रुवल की होगी जरूरत
जानकारों के मुताबिक इस डील के बाद अब एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर द्वारा जांच की जाएगी कि क्या यह प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचा सकता है। डील को यूके की कंपटीशन एंड मार्केट अथॉरिटी (CMA) से अप्रुवल की जरूरत होगी। रेगुलेटरी और शेयरहोल्डर्स के अप्रुवल के बाद इस मर्जर के 2024 के अंत से पहले पूरा होने की उम्मीद है।